हंगामा कर संसदीय गरिमा के विपरीत आचरण करने वाले 12 सांसद राज्यसभा से निलंबित
बीते मॉनसून सत्र के दौरान 11 अगस्त को राज्यसभा में हंगामा कर संसदीय गरिमा के विपरीत आचरण करने वाले माननीयों पर पर देर से सही पर कार्यवाही हो ही गयी। मॉनसून सत्र में हुए हंगामे पर शीतकालीन सत्र में एक्शन हुआ है। हंगामा करने वाले 12 सांसदों को राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। अबये सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे। जिन सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें विपक्षी दल कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के सांसद शामिल हैं। मानसून सत्र में हंगामे के चलते दोनों ही सदन निर्धारित समय से दो दिन पहले स्थगित कर दिए गए थे। लोकसभा में सिर्फ 21 प्रतिशत और राज्यसभा में 28 प्रतिशत ही काम हुआ था। तब सरकार ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए ये कहा था कि उन्हें ये धमकी दी गई थी कि ओबीसी बिल, इंश्योरेंस बिल या कोई और बिल भी पास कराने की कोशिश की गई तो अंजाम भुगतना होगा राज्यसभा में हुए हंगामे पर केंद्र के 8 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी और विपक्ष से माफी मांगने को कहा था। विपक्ष ने भी सरकार पर आरोप लगाते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को ज्ञापन सौंपा था। इसमें विपक्ष ने आरोप लगाया था कि जब इंश्योरेंस बिल पेश किया पेश किया गया तो सदन में बाहरी सिक्योरिटी स्टाफ को बुलाया गया जो सुरक्षा विभाग के कर्मचारी नहीं थे। विपक्ष ने महिला सदस्यों के साथ बदसलूकी करने का भी आरोप लगाया था।
निलंबित सांसदों की सूची
- एलामरम करीम (सीपीएम)
- फूलो देवी नेताम (कांग्रेस)
- छाया वर्मा (कांग्रेस)
- रिपुन बोरा (कांग्रेस)
- बिनय विश्वम (सीपीआई)
- राजामणि पटेल (कांग्रेस)
- डोला सेन (टीएमसी)
- शांता छेत्री (टीएमसी)
- सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस)
- प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना
- अनिल देसाई (शिवसेना)
- अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस)