गुरु ग्रंथ साहिब सिर पर लेकर भारत पहुंचे अफगान सिख

ये तस्वीर है भारत आए अफगान सिखों की, जिन्होंने अफगानिस्तान में अपना सबकुछ छोड़ दिया, लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब को किसी कीमत पर नहीं छोड़ा. इन सिखों ने अफगानिस्तान के अलग-अलग गुरुद्वारों से गुरु ग्रंथ साहिब को लिया और अपने साथ भारत ले आए. अफगानिस्तान छोड़ने से पहले काबुल एयरपोर्ट पर किसी ने इन तीन सिखों की तस्वीर ले ली. उस समय उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को सिर पर रखा हुआ था. ये देख सोशल मीडिया पर भावनाओं का सैलाब उमड़ आया.

सोमवार 23 अगस्त को भारत ने तीन फ्लाइट्स के जरिए 146 लोगों को अफगानिस्तान से रेस्क्यू किया. इन लोगों में ये सिख भी शामिल हैं, जो वहां फंसे हुए थे. जिस प्लेन से इन्हें भारत लाया गया, उसमें 46 लोग सवार हुए थे. इनमें अधिकतर हिंदू और सिख थे.

बता दें कि काबुल स्थित सिख गुरुद्वारों में अब सन्नाटा है. इससे पहले तालिबान के लोगों ने सिख गुरुद्वारा कमेटी के लोगों से मुलाकात कर सुरक्षा का आश्वासन दिया था. लेकिन इस आश्वासन पर सिख समुदाय को भरोसा नहीं था. यही वजह है कि भारत आने वाले अफगान सिखों की संख्या बढ़ रही है. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इन्हीं आशंकाओं के चलते नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA लाया गया था.

बहरहाल, दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया है,

3 गुरुग्रंथ साहिब और 46 भारतीय पासपोर्ट धारकों को भारत लाया गया है. हम इसके लिए भारत सरकार और पीएम का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने अफगानिस्तान में हिंदुओं और सिखों की मदद की. हम लोग काबुल के अल्पसंख्यक लोगों के संपर्क में हैं जो वहां से निकलना चाहते हैं.

उधर, इस तस्वीर को देखकर भारत में लोगों की भावनाएं उमड़ आईं. ट्विटर पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. चिंतामणि द्विवेदी नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा,

वाहे गुरुजी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह.

प्रतीक सिंह ने लिखा कि वो इस पल को कभी नहीं भूलेंगे और इसके लिए तालिबान को कभी माफ नहीं करेंगे.

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