Tuesday, October 15, 2024
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ए.सी. वाली पीढ़ी और पढ़ाई!

-डॉ0 सुशील उपाध्याय
स्कूल-कॉलेजों में एडमिशन का दौर चल रहा है। इस बीच कई विज्ञापन देखे, ज्यादातर बड़े स्कूलों के विज्ञापनों में एक खास बात दिखाई दी-
‘ए.सी. क्लास रूम’, ए.सी. बस
या
‘सेंट्रल ए.सी. फेसिलिटी’
कई साल से इस तरह के विज्ञापन देख रहा हूं, चिंता की बात यह है कि हर साल इस ए.सी. सुविधा वाले स्कूलों, कॉलेजों की संख्या बढ़ती दिख रही है।
घर में ए.सी., कार में ए.सी., स्कूल में ए.सी. मॉल में ए.सी.!
क्या स्कूल या कॉलेज में ए.सी. होना बच्चे के शैक्षिक, चारित्रिक या बौद्धिक विकास में कोई भूमिका निभाता है ?
एक शिक्षक के नाते मेरा जवाब है-‘नहीं’। बिल्कुल नहीं निभाता।
मेरे पास कुछ सवाल हैं-
खेल के मैदान में कहां से ए.सी. लाएंगे!
प्रार्थना स्थल पर कैसे ए.सी. लगेगा!
ए.सी. में रहकर बारिश की बूंदों को कैसे महसूस किया जाएगा!
ए.सी. के दौर में सर्दी की गुनगुनी धूप का क्या होगा!
ए.सी. से मिली ठंडक बच्चों को जिस तरह का नुकसान पहुंचा रही है या पहुंचा सकती है क्या हम अनुमान लगा सकते हैं ? ये सब 25-30 साल बाद कैसी जिंदगी जी रहे होंगे!
क्या हम प्रकृति को इतना नियंत्रित कर सकते हैं कि हर तरफ ए.सी. का बोलबाला हो!
सार ये है-
इस भेड़चाल से बचिये।
बच्चों को मौसम को महसूस करने दीजिए, यदि वे बीमारी से ग्रस्त हों तो अलग बात है।
यदा-कदा बारिश में भीगने से, गर्मी का सामना करने से या सर्दी से ठिठुरने से किसी की मौत नहीं होती, बशर्ते, बारिश, गर्मी या सर्दी असामान्य न हो। कोई बीमार हो तो उसकी बात अलग है।
जब आप ए.सी. वाली पीढ़ी तैयार कर रहे हैं तो यकीनन वो पीढ़ी इनके खिलाफ खड़ी होगी जिसके लिए पंखे की हवा भी स्वप्न-सरीखी है।
एक बात और,
मैं खाली उपदेश नहीं दे रहा हूं। खुद भी अमल करता हूं। कॉलेज में मेरे कार्यालय में कोई ए.सी. नहीं है, ये बात अलग है कि मेरा सारा स्टाफ ए.सी. वाले कमरे में बैठता है। न ही किसी शैक्षिक विभाग में ए.सी. लगा है, हालांकि मैं इस बात का समर्थक हूं कि जिन लैबों में जरूरी हो, वहां ए.सी. लगना चाहिए। और हां, मेरे घर में भी ए.सी. नहीं है। देहरादून में जरूरत महसूस भी नहीं होती। (हालांकि इस साल गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। गर्मी के मामले में देहरादून, दिल्ली को टक्कर दे रहा है।)
यदि, आप शौक या स्टेटस के लिए ए.सी. का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप से बड़ा शोषक कोई दूसरा नहीं होगा क्योंकि दूसरे के चेहरे पर गर्मी फेंककर आप ए.सी. वाली ठंडक सुख ले रहे हैं। इस ठंडक की कीमत आपको चुकानी ही होगी!
एक बार फिर सोच लीजिए कि आपको अच्छी पढ़ाई वाला स्कूल चाहिए या ए.सी. वाला!

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