अफगानिस्तान पर बीस साल बाद पुनः तालिबानी राज, खौफजदा हैं लाखों लोग


भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में 20 साल बाद पुनः तालिबानी कब्जे के बाद बनी भयावह स्थित ने भारत के लिए भी खतरे की घंटी बजा दी, क्यों कि भारत के दो पड़ोसी दुश्मन पाकिस्तान और चीन से तालिबानियों के गहरे रिस्ते हैं। दूसरी ओर भारत ने अफगानिस्तान में हजारों करोड़ का निवेश किया हुआ है। राष्ट्रपति भवन में तालिबानियों के घुसने और राजधानी काबुल पर उनके कब्जे के बाद खौफजदा हजारों लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट पर भी भारी भीड़ जमा हो गई है। जिसके कारण वहां भगदड़ की स्थिति है। भीड़ को काबू करने के लिए अमेरिकी सैनिकों द्वारा की गयी फारयरिंग में पांच से अधिक लोगों की मौत की खबर है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र को बंद कर देने से काबुल और दिल्ली के बीच की सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। हालांकि भारत की ओर से एयर इंडिया की कुछ फ्लाइट्स को एयर लिफ्ट के लिए रखा गया है। भारत से सभी उड़ानें बंद होने के बाद अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिक असहाय नजर आ रहे हैं।
तालिबानी लड़ाकों के कई घरों में जबरन घुसने और कब्जा करने की सूचनाएं हैं हालांकि तालिबान के नेताओं की ओर से अपने लड़ाकों को बिना अनुमति के किसी भी घर में घुसने की मनाही है। लेकिन उसके बावजूद लोगों में डर है। कई लोगों को तालिबान की बर्बरता का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को यह भी डर है कि अब वहां शरिया कानून लागू कर दिया जाएगा और मध्यकालीन प्रथाएं लागू कर दी जायेंगी। अफगान मीडिया भी तालिबान से डरा हुआ है। जिस कारण वहां कई मीडिया हाउस बंद हो चुके हैं तो कई ने कुछ दिनों के लिए अपने परिचान रोक दिया है। चिंता ये भी है कि फिर से सांस्कृतिक गतिविधियों, म्यूजिक, डांस और यहां तक कि फिल्मों पर भी फिर से प्रतिबंध लगा सकता है। तालिबान की वापसी के साथ ही महिलाओं, विपक्षी राजनेताओं, सरकारी अधिकारी.कर्मचारी और पत्रकारों में ज्यादा खौफ है।

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