टीएमयू में एल्युमनाई ने बांटा अनुभवों का ख़ज़ाना

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के एफओईसीएस में हुई एल्युमनाई टॉक सीरीज- संवाद

  • ख़ास बातें
  • निदेशक प्रो. द्विवेदी बोले, संवाद फ्यूल ऑफ लाइफ
  • बेस्ट डवलपर को अपनाइए सॉलिड सिद्धांतः हिमांशु
  • नमन ने छात्रों को सुझाईं जॉब्स को आईटी कम्पनियां
  • सर्टिफिकेशन कोर्स करियर में बड़े काम काः ज़ामिन
  • सफलता के लिए करें निरन्तर कोशिशः पुष्पेन सिंह

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी में फ़ैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज़- एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने संवाद को फ्यूल ऑफ लाइफ़ बताते हुए कहा, यदि आप लोगों से संवाद नहीं करोगे, तो आपके जीवन में एक खालीपन आ जाएगा। संवाद हमें समाधान की ओर लेकर जाता है। संवाद के जरिए आप सफल एल्युमनाई के मानिंद अनुभवों से अपना करियर भी स्वर्णिम बना सकते हैं। प्रो. द्विवेदी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फ़ैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज़- एफओईसीएस के सभागार में एल्युमनाई टॉक सिरीज़- संवाद में बोल रहे थे। इससे पहले एफओईसीएस के निदेशक प्रो. द्विवेदी, एचओडी प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना, प्रॉक्टर डॉ. शंभू भारद्वाज, कॉलेज एल्युमनाई एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. प्रियांक सिंघल और कॉलेज एल्युमनाई एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट श्री रूपल गुप्ता ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके संवाद का शंखनाद किया। इस अवसर पर सभी प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों- श्री हिमांशु गुप्ता, श्री नमन जैन, श्री नमन गुप्ता, श्री ज़ामिन अहमद और श्री पुष्पेन सिंह चौधरी की भी गरिमामयी मौजूदगी रही। संवाद में बीटेक-सीएस, बीटेक-एआई/ एमएल/ डीएल, बीएससी ऑनर्स- कंप्यूटर साइंस, बीसीए और एमसीए के सभी स्टुडेंट्स शामिल हुए। सभी एल्युमनाई वक्ताओं का स्मृति चिन्ह देकर गर्मजोशाी से स्वागत किया गया। संचालन अंशिका बहुखंडी और चारु पारिख ने किया।

एमसीए 2009 के पासआउट और पब्लिसिस सेपीएंट, गुरुग्राम में मोबाइल सोल्यूशंस मैनेजर श्री हिमांशु गुप्ता ने डिजाइनिंग के सॉलिड सिद्धांत के बारे में बताते हुए कहा, सॉलिड सिद्धांत पहले पांच ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड डिज़ाइन-ओओडी सिद्धांतों का संक्षिप्त रूप है। बोले, सॉलिड सिद्धांत आपको बेहतर डवलपर बनाने में मदद कर सकता है। बीटेक-सीएस 2018 के पासआउट और एकोलाइट डिजिटल, गुरुग्राम में सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्री नमन जैन ने कहा, ज्यादातर लोग सॉफ्टवेयर विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। आईटी कंपनियों में नौकरी के लिए और भी कई विकल्प हैं। उन्होंने आईटी कंपनियों के अनेक क्षेत्रों का सुझाव दिया, जहां स्टुडेंट्स नौकरी के लिए जा सकते हैं। उन्होंने बताया, अगर आप कोडिंग में अच्छे नहीं हैं तो आपको मार्केटिंग सेक्टर में भी अच्छी जॉब मिल सकती है। बीसीए 2020 के पासआउट और टीसीएस, गुरुग्राम में असिस्टेंट सिस्टम इंजीनियर श्री नमन गुप्ता ने कहा, प्रेरणा आपको शुरुआत देती है, लेकिन अनुशासन आपको आगे बढ़ाता है। आप जो भी सीख रहे हैं उसे छोड़ना नहीं चाहिए। बीसीए 2020 के पासआउट और टीसीएस, मुंबई में सिस्टम एड्मिनिस्ट्रेटर श्री ज़ामिन अहमद ने कहा, अगर आपको बड़ी कंपनी का हिस्सा बनना है तो आपको कुछ सर्टिफिकेशन कोर्स करना चाहिए। उन्होंने नई विकसित हो रही प्रौद्योगिकी डेटा विज्ञान पर विस्तार से चर्चा की। श्री अहमद ने कहा, अन्वेषण बहुत महत्वपूर्ण है, जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए। बीटेक-सीएस 2018 के पासआउट और परसिस्टेंट सिस्टम्स, पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर श्री पुष्पेन सिंह चौधरी ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन में अपने अनुभव के बारे में बताया। पहली बार उनकी टीम कोई स्थान हासिल नहीं कर पाई लेकिन अगली बार उनकी टीम ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन जीता। उन्होंने कहा, सफलता के लिए निरंतर कोशिश करते रहना बहुत जरूरी है। कॉलेज के विभागाध्यक्ष प्रो. अशेंद्र कुमार सक्सेना ने कॉलेज की अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कॉलेज एल्युमनाई एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डॉ. प्रियांक सिंघल ने कहा, संवाद इसलिए जरूरी है क्योंकि इसके माध्यम से हमें अपने सीनियर एल्युमनाई से उनके अनुभवों को जानने का अवसर प्राप्त होता है। अंत में कॉलेज एल्युमनाई एसोसिएशन के वाइस प्रेसीडेंट श्री रूपल गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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