शीतकाल के लिए आज बंद होंगे बदरीनाथ के कपाट

उत्तराखण्ड के चार धामों में से प्रमुख धाम भगवान बदरीनाथ के कपाट शीतकाल में छह माह के लिए आज शनिवार को शाम 6.45 बजे विधि-विधान से बंद कर दिए जाएंगे। शीतकाल में भगवान बदरीनाथ की पूजाएं पांडुकेश्वर और जोशीमठ में संपन्न होगी। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया बीती शाम चार बजे से शुरू होने के बाद आज सुबह छह बजे भगवान बदरीनाथ की अभिषेक पूजा हुई। इसके बाद सुबह आठ बजे बाल भोग लगाया जाएगा और दोपहर में साढ़े बारह बजे भोग लगाया जाएगा। शाम चार बजे माता लक्ष्मी को बदरीश पंचायत (बदरीनाथ गर्भगृह) में स्थापित किया जाएगा और गर्भगृह से गरुड़ जी, उद्घव जी और कुबेर जी को बदरीश पंचायत से बाहर लाया जाएगा। सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करने के बाद शाम 6.45 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। रविवार 21 जनवंबर को बदरीनाथ के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के नेतृत्व में आदि गुरु शंकराचार्य की डोली, कुबेर जी और उद्घव जी की उत्सव डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी।

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