अग्निपथ पर बवाल के पीछे बड़ी साजिश, सरकार विरोधी संगठन दे रहे हवा

सेना में भर्ती के लिए घोषित अग्निपथ स्कीम के हिंसक विरोध के पीछे नौकरी के दावेदार कम और उपद्रवी तथा विभिन्न संगठनों से जुड़े सरकार विरोधियों की भूमिका संदेह के घेरे में आ रही है। जो निरंतर युवाओं को उकसा रहे हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, आगजनी, हिंसा और लूटपाट करने वाले वे लोग नहीं हो सकते जो जीवन में सिर्फ एक बार सेना की वर्दी पहनने का सपना देखते हैं। सेना में भर्ती होने से पहले ही अनुशासन भंग करने वालों पर देश ही सुरक्षा, शांति और अमन बहाली की जिम्मेदारी देने के बारे में सोचा भी कैसे जा सकता है? सही मायने में देखा जाय तो कुछ तथाकथित व्यक्तियों, नेताओं और संगठनों द्वारा मीडिया में की जा रही बयानबाजी, और देश के विभिन्न राज्यों में हो रही घटनाओं के लिए सीधे तौर पर वे लोग ही जिम्मेदार हैं जो अपनी राजनीति चमकाने के लिये युवाओं को मोहरा बना कर इस देश को हिंसा की आग में झौंक रहे हैं।
इस बीच केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के लिए अपर एज लिमिट 21 साल से बढ़ाकर 23 साल करने का ऐलान किया है। हालांकि, यह छूट केवल इसी साल के लिए लागू होगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले दो साल में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह फैसला लिया गया है। इससे पहले अग्निवीर बनने के लिए पहले निर्धारित आयु सीमा 17.5 साल से 21 साल थी। देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रदर्शनकारी छात्रों से बवाल न करने की अपील की है। उन्होंने कहा. दो साल से सेना में भर्ती का अवसर नहीं मिल पाया है। इससे भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है। यही सोचकर सरकार ने अभी अग्निवीरों की भर्ती के लिए उम्र सीमा दो साल बढ़ा दी गई है। युवाओं से अपील है कि वह विरोध न करें, भर्ती की तैयारी करें। थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने भी युवाओं से भारतीय सेना में शामिल होने के लिए अग्निवीर बनने की अपील की है।

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