जागेश्वर धाम में भाजपा सांसद ने की धक्का-मुक्की और गाली गलौच

हिंदू धर्म में मान्यता है कि ईश्वर के प्रति जब अर्न्तमन से श्रद्धा का भाव होता है तब इंसान मन, कर्म और वचन की शुद्धता के साथ कष्ट सहते हुए भगवान के दर्शनों के लिए मीलों पैदल चलता है, घंटों लाइन में भी लगता है। ईश्वर के द्वार पर पहुंच कर मनुष्य के जन्म जन्मान्तरों के पाप भी कट जाते हैं और कई पीढ़ियों का उद्धार होता है। श्रद्धा और भक्तिभाव से देव दरबार में आने वाला हर भक्त यह प्रयास करता है कि उसकी वाणी कार्य, व्यवहार व आचरण से किसी को कष्ट न हो। कहते हैं कि जो अभिमानी, अहंकारी, दंभी दूसरे मंतव्य लेकर केवल सैर सपाटे और मौज मस्ती के लिए देवालयों में आते हैं उनकी मनोकामनाएं कभी पूर्ण नहीं होती और वे नरक के भागी बनते हैं । मामला विश्वप्रसिद्ध जागेश्वर धाम पहुंचे आवला (उत्तर प्रदेश) के सांसद धर्मेन्द्र कश्यप से जुड़ा है। संध्याकालीन आरती के बाद करीब 6 बजे मंदिर के कपाट बंद होने के समय अपने कुछ समर्थकों के साथ जागेश्वर मंदिर पहुंचे आंवला के सांसद धर्मेन्द्र कश्यप भगवान के मंदिर में भी अपने दंभी तेवर दिखाने से बाज नहीं आये। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंदिर के कपाट बंद होने की तैयारी होती देख वह भाजपा का सांसद होने की धौंस जमाने लगे तो प्रबंध कमेटी के लोगों ने परंपराओं का हवाला देते हुए मना कर दिया। जिस पर वे भड़क गये और गाली गलौच पर उतर गये। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने मंदिर प्रबंधक भगवान भट्ट के साथ भी हाथापाई की। लोगों की भीड़ बढने और उसके द्वारा सांसद धर्मेन्द्र कश्यप के बर्ताव का विरोध करने पर वे वहां से खिसक गये। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने घटना की सूचना भनोली की एसडीम मोनिका और अल्मोड़ा के जिलाधिकारी नितिन भदोरिया को दी है। विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने इसे देवभूमि एवं पंडिताचार्यों का अपमान बताया है। घटना से जुड़ा सांसद धर्मेन्द्र कश्यप का वीडियो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वे गाली गलौच करते सुनाई दे रहे हैं। वीडिया वाइरल होने के बाद सांसद धर्मेेंद्र कश्यप के मीडिया प्रभारी राहुल कश्यप उलटे मंदिर प्रबंधन पर आरोप लगाकर सफाई देते फिर रहे हैं।

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