स्कूल के बच्चों ने बनाएँ बम, प्रयागराज में किए 6 बम ब्लास्ट, 35 स्कूली बच्चे गिरफ़्तार
अक्सर हमने फिल्मों में गैंगस्टर या स्कूल/कॉलेज के छात्रों के बीच हिंसक झड़प देखी होगी लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) में यह कई सालों से जारी है। बीते दिनों शहर में एक स्कूल सहित तीन जगहों में हुई बमबाजी की घटनाओं में जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि यहां दो गैंग ज्यादा सक्रिय हैं, जिनके नाम बिल्कुल फिल्मी स्क्रिप्ट जैसे हैं- इमोर्टेल और तांडव। कई अन्य गैंग हैं जिनके नाम जगुआर, माया और लॉरेंस (Lawrence) हैं। पुलिस ने इन घटनाओं में 11 छात्रों को 26 जुलाई को पकड़ा था।
संपन्न परिवारों से हैं आरोपी छात्र
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पिछले तीन महीनों में यूपी के प्रयागराज के कई इलाकों में कम से कम छह रहस्यमयी क्रूड बम ब्लास्ट (mysterious crude bomb blasts) हुए। यह ब्लास्ट शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों के छात्रों के दो गिरोहों के बीच कथित गैंगवार के पीछे की वजह थे। अधिकारी ने कहा कि अधिकतर छात्रों की उम्र 15 से 17 साल के बीच की है और ये संपन्न परिवारों से आते हैं।
इमोर्टेल और तांडव गैंग
बमबाजी की घटनाओं में पुलिस ने जांच की तो पता चला कि यह छात्र कथित तौर पर पिछले एक साल में इमोर्टेल और तांडव (Immortal and Tandav) नाम के दो गिरोहों के लिए “आपराधिक गतिविधियों” में शामिल थे। पुलिस के मुताबिक, बीते मंगलवार को पकड़े गए ग्यारह छात्रों ने पिछले तीन महीनों में सामने आए छह मामलों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। इन सभी छह घटनाओं में वारदात के दौरान इन सभी ने अपने चेहरों को ढक रखा था।
11 में 10 छात्र नाबालिग
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए 11 में से 10 नाबालिग हैं और उनके पास से दो देसी बम, दो मोटर साइकिल और 10 मोबाइल फोन बरामद करने का दावा किया है। नाबालिगों को किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) के सामने पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें किशोर गृह (Juvenile Home) भेज दिया। ग्यारहवां आरोपी 18 साल का है और उसने हाल ही में इंटरमीडिएट पास किया था, जिसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
जिले में जगुआर, माया और लॉरेंस जैसे गैंग एक्टिव
पुलिस के अनुसार, बमबाजी के पीछे गिरोहों की संलिप्तता को लेकर जांच के दौरान पता चला कि ये 11 छात्र इमोर्टेल और तांडव गैंग के सदस्य थे। अमर के लगभग 40 सदस्य हैं जबकि तांडव में 100 हैं। पुलिस का मानना है कि जिले में अन्य छात्र गिरोह भी सक्रिय हैं जिन्हें जगुआर, माया और लॉरेंस (Jaguar, Maya, Lawrence) के नाम से जाना जाता है। पुलिस के मुताबिक, ये छात्र गिरोह वर्चस्व दिखाने के लिए गैंगवार करते हैं और इनकी अपनी आपराधिक भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
बमबाजी का वीडियो बना करते हैं वायरल
बमबाजी और गिरोहों को लेकर जिला पुलिस (Prayagraj Police) को संदेह है कि चार-पांच स्कूलों और कॉलेजों के करीब 200 छात्र फिलहाल ऐसे गिरोहों के सदस्य हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह गिरोह एक दूसरे पर बम फेंकते हैं और कोई एक सदस्य इसका वीडियो बनाता है। एक अधिकारी ने कहा कि, इन घटनाओं के बाद इस वीडियो को सोशल मीडिया (Social Media) पर अन्य सदस्यों के साथ साझा किया जाता।