नम्बर प्लेट बदल कर ट्रैफिक पुलिस की नजरों की धूल झौंकती रही शातिर युवती। हर माह 2 से 3 बार ट्रैफिक नियम तोड़ते हुए डेढ़ साल तक पुलिस को दौड़ाया।
आपने अब तक वाहनों की नम्बर प्लेट बदलने या ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की अपराधिक घटनाओं में ज्यादातर युवकों के ही नाम सुने होंगे। लेकिन हाल में ही लखनऊ की एक ऐसी युवती का नाम सामने आया है जो हर महिने दो से तीन बार ट्रैफिक नियमों को उल्लंघन कर डेढ़ साल से पुलिस को छका रही थी। उस वाहन के नम्बर के आधार पर बकायदा पुलिस कर्मियों के 8 लोगों की टीम डेढ़ साल से युवती की तलाश कर रही थी लेकिन वह पकड़ में नहीं आयी। वाहन घर में खड़े होने के बावजूद बार-बार ऑन लाइन चालान का मैसेज आने पर जब असल वाहन स्वामी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी तो तब कहीं जाकर मामला का राज खुला।
दरसल ट्रैफिक चालान से बचने के लिए लखनऊ की रहने वाली अलीशा ने सुनियोजित तरीके से लाकडाउन के दौरान जून 2020 में अपने पड़ोस में रहले वाली विदिशा नाम की युवती की गाड़ी का नंबर अपनी स्कूटी में डलवाया था। अलीशा हर माह करीब दो से तीन बार ट्रैफिक नियम तोड़ती थी। राजधानी लखनऊ के लगभग हर एक चौराहे पर लगे कैमरों से ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों को तोड़ने पर चालान करती है। अपनी असल स्कूटी के चालान से बचने के लिए ही ठाकुरगंज के हुसैनाबाद रामगंज की रहने वाली अलीशा दूसरे का गड़ी नम्बर डलवाकर पुलिस की आंखों में डेढ़ साल तक धूल झोंकती रही।
ट्रैफिक नियम ताड़ने पर उसका चालान होता था लेकिन चालान का मैसेज दूसरी युवती विदिशा के पिता के मोबाइल पर जा रहा था। गाड़ी घर में खड़ी होने के बावजूद आए दिन चालान का मैसेज आने से वह परेशान थे। उन्होंने ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों से मामले की शिकायत की। इसके बाद अधिकारियों के निर्देश पर 8 सदस्यीय ट्रैफिक पुलिस की टीम गठित की गई। यह टीम भी गाड़ी की करीब डेढ़ साल तक तलाश करती रही पर सुराग नहीं लगा। अंततः विदिशा के पिता ने इसी माह जनवरी को थाने में तहरीर देकर अज्ञात के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। ठाकुरगंज पुलिस ने मंगलवार को बंधा रोड से अलीशा को स्कूटी समेत गिरफ्तार कर लिया। तब जाकर पुलिस के सामने सारा राज खुला।