नहीं रहे सीडीएस बिपिन रावत, हैलीकाप्टर हादसे में पत्नी की भी मौत

तमिलनाडु में बुधवार को सेना के MI 17V 5 हेलिकॉप्टर क्रैश होने से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई। इस क्रैश में हेलिकॉप्टर में सवार जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर घायलका इलाज चल रहा है। जनरल रावत का ये हेलिकॉप्टर सुलूर स्थित आर्मी बेस से उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही नीलगिरी जिले में कुन्नूर में क्रैश हो गया था।

Who was Madhulika Rawat, wife of CDS General Bipin Rawat - Know all about  her | India News – India TV


बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। 1 जनवरी 2020 को बिपिन रावत को पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया गया था। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनने से पहले बिपिन रावत थलसेना प्रमुख भी रहे हैं।
बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में हुआ था। बिपिन रावत के परिवार के कई लोग भारतीय सेना में रहे है। बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत थे। पिता के सेना में होने के कारण बिपिन रावत का पूरा बचपन फौजियों के बीच ही बीता है।
बिपिन रावत ने कैंब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून और सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला से शिक्षा हासिल की है। इसके बाद बिपिन रावत अमेरिका चले गए और उन्होंने अमेरिका के सर्विस स्टाफ कॉलेज से पढ़ाई की है। उन्होंने हाई कमांड कोर्स भी किया है।
बिपिन रावत करियर
अमेरिका से लौटने के बाद बिपिन रावत 16 दिसंबर 1978 को भारतीय सेना में शामिल हो गए। बिपिन रावत को सबसे पहले गोरखा 11 राइफल्स की 5वीं बटालियन में शामिल किया गया। उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में हुई थी और उन्होंने इस बटालियन का नेतृत्व भी किया। इस दौरान उनकी बटालियन को उत्तर पूर्व की सर्वश्रेष्ठ बटालियन चुना गया। बिपिन रावत को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लड़ाई का खासा अनुभव था है और उन्होंने दस साल तक आतंकवाद रोधी अभियानों का संचालन किया।
बिपिन रावत ने अपने करियर के दौरान कई बटालियन में काम किया है। बिपिन रावत नेआर्मी के  III Corps, GOC-C Southern Command, IMA Dehradun, Military Operations Directorate जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों के लिए काम किया, बिपिन रावत ने भारत के अलावा अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी सेवायें दी है, वह कांगो के न्छ डपेेपवद के भागीदार थे। इस दौरान उन्होंने 7000 लोगों की जान बचाई थी। जनरल रावत ने 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए करगिल युद्ध में हिस्सा लिया था। इस युद्ध में भारत को जीत मिली थी। मणिपुर में हुए एक आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हुए थे। इसके जवाब में सेना के कमांडों ने म्यांमार की सीमा में दाखिल होकर हमला किया था। इस हमले में एनएससीएन के कई आतंकी मार गिराए गए थे। यह अभियान चलाया था 21 पैरा ने, जो थर्ड कॉर्प्स के तहत काम करता था। उस समय थर्ड कॉर्प्स के कमांडर बिपिन रावत ही थे।
31 दिसंबर 2016 को बिपिन रावत को भारतीय सेना का प्रमुख बनाया गया था, उन्होंने दलबीर सिंह सुहाग की जगह ली थी। इस तरह से बिपिन रावत भारतीय सेना के 27वें प्रमुख बने। सेना प्रमुख रहते हुए बिपिन रावत ने भारतीय सेना को आधुनिक बेहतर बनाने के लिए कई काम किए। बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 तक इस पद पर बने रहे। भारतीय सेना के प्रमुख पद से इस्तीफा देने के बाद बिपिन रावत को ब्क्ै यानि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाना गया।
बता दे कि चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ यानी CDS थल सेनाए वायुसेना और नौसेना तीनो के बीच तालमेल का कार्य करता है, वह रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकारों में से एक होते हैं, इस पद को इसलिए बनाया गया था ताकि तीनों सेनाएं मिलकर काम कर सके, खासकर युद्ध के समय सेनाओं के बीच तालमेल रहे,
बिपिन रावत को सेना में रहते हुए सेना में अनेक तरह के पुरस्कार भी मिले हैं उन सभी पुरस्कार का नाम बताना तो मुश्किल है। लेकिन इनमें से कुछ पुरुस्कार कुछ इस तरह है।

-परम विशिष्ट सेवा पदक
-उत्तम युद्ध सेवा पदक
-अति विशिष्ट सेवा पदक
-युद्ध सेवा पदक
-सेना पदक
-विशिष्ट सेवा पदक

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