बीएचईएल की जमीन पर बनेगा कंटेनर डिपो, सिडकुल के उद्योगों को होगी सहुलियत

बेशकीमती 38 एकड़ जमीन पर पर होगा विस्तार

देश के महारत्न संस्थान बीएचईएल, हरिद्वार की बेशकीमती भूमि पर कुछ ही समय बाद एक बड़ा आइसीडी (इनलैंड कंटेनर डिपो) नजर जायेगा। जो बीएचईएल की अनुपयुक्त 38 एकड़ जमीन पर बनेगा। उत्तरखण्ड में अभी तक इस तरह के केवल दो इनलैंड कंटेनर डिपो उधमसिंहनगर जिले के काशीपुर और पंतनगर में हैं। बीएचईएल की खाली पड़ी भूमि पर कंटेनर डिपो की स्थापना के लिए बीएचईएल तथा कानकोर ने संयुक्त रूप से प्रस्ताव रखा था। हालांकि इस पर अभी भारी उद्योग मंत्रालय ने कोई निर्णय नहीं लिया। लेकिन उत्तराखण्ड के औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी ने नई दिल्ली में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंन्द्रनाथ पांडेय से बात कर राज्य की जरूरत के अनुसार इस पर कार्यवाही का अनुरोध किया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि उत्तराखंड एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है। यहां पर आटोमोबाइल, फार्मा, एफएमसीसीज, इंजीनियरिंग व पैकेजिंग की कई बड़ी इकाइयां कार्य कर रही हैं। उन्‍होंने कहा कि उत्तराखंड विषम भौगोलिक परिस्थिति वाला राज्य है। यहां रसद लाने में लागत भी अधिक लगती है। इससे निर्यात बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। गणेश जोशी की इनलैंड कंटेनर डिपो (आइसीडी) की मांग पर केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री महेन्द्रनाथ पांडे ने इसके लिए सैद्धांनिक सहमति जताई है। उम्मीद की जा रही है कि इस पर शीघ्र ही कार्य प्रारंभ होगा। बता दें कि सिडकुल की स्थापना के बाद विगत कुछ वर्षों में हरिद्वार एक प्रमुख औद्योगिक नगर के रूप में उभरा है यहां सैकड़ों उद्योग स्थापित हुए हैं लेकिन उनको कंटेनरों से अपना माल लाने-ले जाने और उनकी पार्किंग के लिए बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इनलैंड कंटेनर डिपो (आइसीडी) की स्थापना से सिडकुल के उद्योगों को काफी सहुलियत मिलेगी।

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