नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने उठायी पत्रकार पेंशन नियमावली में संशोधन की माँग, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

पत्रकार पेंशन योजना में पुर्नविचार एवं लम्बित स्व. राम प्रसाद बहुगुणा पुरस्कार हेतु प्रेषित आवेदनों पर यथाशीघ्र सुनवाई की मांग को लेकर नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट (एनयूजे उत्तराखण्ड) की अल्मोड़ा जिला इकाई ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख़्यमंत्री को ज्ञापन भेजा।

ज्ञापन में कहा गया हैं कि वर्ष 2016 में श्रमजीवी पत्रकारों के लिए पेंशन देने की व्यवस्था की गयी थी लेकिन जून 2021 में नियमावली में संसोधन कर दिया गया जिसमें श्रमजीवी पत्रकारों को पेशन दिये जाने का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं हैं। पूर्व में बनाई गई पेंशन योजना उत्तराखंड वयोवृद्ध श्रमजीवी पत्रकार पेंशन योजना के नाम से बनाई गई जोकि श्रमजीवी पत्रकारों को दृष्टिगत रखते हुए बनाई गई थी जिसे आज अतिक्रमित कर दिया गया हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं। वर्षों से पाक्षिक/मासिक/ त्रैमासिक पत्र दृ पत्रिकाओं के पत्रकार / सम्पादकों को मान्यता के अंतर्गत नहीं रखा गया हैं। जिससे ज्यादातर पत्रकार इस पेंशन योजना से वंचित हो गए इन पत्रकारों में वे पत्रकार भी शामिल हैं जो राज्य गठन से पूर्व से 35 से 40 वर्षों से अपनी सेवाएं समाज को दे रहे हैं। साथ ही सरकार द्वारा पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न स्तर/अवधि में कार्यरत पत्रकारों को स्व. राम प्रसाद बहुगुणा पुरस्कार देने की व्यवस्था हैं। जिसके लिए पत्रकारों द्वारा आवेदन पत्र प्रेषित किये गये थे लेकिन कोई विचार नहीं हो पाया हैं। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने पत्रकारों कि समस्याओं के जल्द निराकरण की माँग की हैं। ज्ञापन देने वालों में यूनियन जिलाध्यक्ष दरबान सिंह रावत, जिला महामंत्री देवेंद्र सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष मोहित अधिकारी, विनोद जोशी, हरीश चंद्र त्रिपाठी सहित तमाम पत्रकार मौजूद रहे।

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