भारत का लोकतंत्र पूरे विश्व के लिये उदाहरण : देवीप्रसाद त्रिपाठी

नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स एवं संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

हरिद्वार। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (एनयूजे उत्तराखण्ड) एवं पत्रकारिता विभाग, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के डिजीटल सभागार में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय ‘डिजिटल युग में प्रिंट मीडिया की चुनौतियां’ था।
पत्रकारिता दिवस पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्यातिथि देश के जाने माने वास्तुशास्त्री कुलपति प्रोफेसर देवीप्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र का मजबूत स्तम्भ पत्रकारिता है,लोकतंत्र की रीढ़ को मजबूत करने का उत्तरदायित्व स्वस्थ पत्रकारिता पर है, इसीलिये भारत का लोकतंत्र पूरे विश्व के लिए उदाहरण है। पत्रकारिता में वक्त के साथ बहुत बदलाव आए हैं, हर दिन पत्रकार के लिए चुनौतियों से भरा होता है। उन्होंने कहा कि वैदिक परम्पराओं में भी पहले से यह होता आया है, वक्त के साथ समाज और देश ने बदलाव को स्वीकार किया है।

मुख्य वक्ता स्टार स्पोर्ट्स के एंकर वरिष्ठ पत्रकार सूरज मलासी ने कहा कि पिछले दो दशकों से प्रिंट मीडिया के पत्रकार भारी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में शिफ्ट हुए हैं,चूंकि बदलते परिवेश के साथ मीडिया में व्यापक रूप से परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने कहा कि डिजीटल युग में पत्रकारिता की चुनौतियां बढ़ी हैं,शोशल मीडिया के आने से हर खबर आपके मोबाइल पर तत्काल हाजिर हो रही है, इन चुनौतियों से सबसे ज्यादा प्रभावित प्रिंट मीडिया है। उन्होंने विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे छात्रों से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि संस्कृत के छात्र संस्कृत का ज्ञान होने के कारण विश्व के हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं,संस्कृत के छात्रों के लिए अपार समुद्र है पत्रकारिता का क्षेत्र।उन्होंने कहा आपके भीतर बेहतर उच्चारण,सम्प्रेषण की कला है तो पत्रकारिता की दुनियां आपको बेहतर अवसर प्रदान करती है।
विशिष्ट अतिथि ज्वालापुर के विधायक रवि बहादुर ने पत्रकारों की समस्याओं को इंगित करते हुए कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण है, पत्रकारिता के मानदंडों को स्थापित करने के लिए पत्रकार सदैव जूझते रहते हैं, वह अपने स्तर से पत्रकारों की समस्याओं को प्रमुखता से विधानसभा में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वे सामाजिक विकास और अपने दायित्व नर्वहन के लिए हमेशा तत्पर हैं।


विशिष्ट अतिथि एसएमजेएन पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ सुनील बत्रा ने आज हम मीडिया के सर्वोच्च पक्ष के रूपों को जान पाया रहे हैं,कुछ ही क्षणों में कोई भी सूचना विश्व के कोने कोने को स्पर्श कर रही है। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में पत्रकारिता की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ धीरज शुक्ल ने डिजिटल युग में पत्रकारिता की चुनौतियां विषय को सभी के विचारार्थ प्रस्तुत किया। उन्होंने आजादी से पहले और आजादी के बाद छपने वाले समाचार पत्रों की भूमिका को विस्तार से बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी ने कहा कि डिजिटल युग में प्रिंट मीडिया की विश्वसनीयता आज भी वैसी ही बनी हुई है,जैसे दशकों पहले थी। सूचना तकनीकी के इस युग में सावधानियां भी जरूरी हैं,तकनीक के सही इस्तेमाल के लिए ऐसी संगोष्ठियां आवश्यक हैं,जिससे स्वस्थ विमर्श का निचोड़ लोगों तक सही रूप में पहुंच सके।
कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने सभी अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी में शहर के प्रतिष्ठित पत्रकारों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। जिनमें श्रीमती शशि शर्मा, कौशल सिख़ौला, रघुवीर सिंह, डॉ शिव शंकर जायसवाल, डॉ रजनीकांत शुक्ला, प्रो.पी एस चौहान, डॉ शिवा अग्रवाल, दीपक नौटियाल, दीपक मिश्रा, कुलभूषण शर्मा को पत्रकारिता रत्न से विभूषित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्रनाथ गोस्वामी, अमित शर्मा एवं अमित कुमार गुप्ता को भी अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज से एमए (पत्रकारिता एवं जनसंचार) की टापर छात्रा नन्दिनी ऐरन, बीए की टापर कशिश नैना आर्या तथा एफफिल के छात्र रजत पाण्डे सहित उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के पुंलकित शुक्ला एवं प्रियांगना सक्सेना को एमए पत्रकारिता एवं जनसंचार में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर प्रतिभा सम्मान से नवाजा गया।
कार्यक्रम का संचालन नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के संस्थापक, साहित्यकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट तथा वरिष्ठ साहित्यकार कवि डॉ हरिनारायण जोशी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजक सुश्री सुदेश आर्या, सहसंयोजक मनोज गहतोड़ी, एनयूजे के हरिद्वार इकाई के अध्यक्ष प्रमोद पाल, सचिव नवीन पांडेय, संजु पुरोहित, विक्रम सिंह सिद्धु, सुनील कुमार, हिमांशु भट्ट, भगवती प्रसाद गोयल, लव कुमार शर्मा, मुकेश कुमार सूर्या, अश्वनी धीमान, सूर्या सिंह राणा, नवीन कश्य विनोद चौहान, रेखा नेगी, राजवेन्द्र, धीरेन्द्र सिंह रावत, वीरेन्द्र चडढा, राकेश कुमार, गीता नेगी, भागवताचार्य पवनकृष्ण शास्त्री, महंत रघुवीर दास, महामंडलेश्वर ललिता नन्द, महंत गोविन्द दास, महंत सूरज दास, मं. बिहारी शरण, संत अंकित शरण, पं. संतोष पोखरियाल, तेज प्रकाश साहू देवेन्द्र सिंह चौहान, ललित मोहन जोशी, भुवन भट्ट, विपिन पुजारी, सतीश जोशी, जसवंत बिष्ट, दिनेश जोशी, सुभाष पुरोहित, नन्दन सिंह, भगवती पंत, सुमन पंत, कमलेश भट्ट, ललित पंत ज्योति भट्ट, कंचन मेहरा, स्ीमा सूद, मधु गुप्ता, पल्लवी सूद, मुन्नी सुन्दरियाल, रूपम, देवपाल सिंह राठी, जगदीश शर्मा, श्वेता, माया कपूर, अतुल कपूर, भुवन शर्मा, भूपेन्द्र सिंह रावत सहित अनेक पत्रकार एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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