जितेन्द्र त्यागी को लेकर दो संतो में उभरे मतभेद

हरिद्वार। सनातन धर्म से प्रभावित होकर उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी जितेन्द्र त्यागी बनकर हिंदू धर्म में आने के बाद सुर्खियों में हैं। पहले इस्लाम पर टिप्पणी और उसके बाद धर्म संसद में भड़काऊ बयानों को लेकर जेल जाने के बाद अब उनको लेकर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद और स्वामी आनंद स्वरूप में मतभेद हो गये हैं। स्वामी आनंद स्वरूप दोनों के बीच आयी तल्खी को यति नरसिंहानंद की गलतफहमी तो करार दे रहे हैं। लेकिन जितेन्द्र त्यागी के जेल जाने के बाद यति नरसिंहानंद की सक्रियता और अन्य की उदासीनता ने दूरियां बढ़ा दी, जो अब खुलकर सामने आने लगी है। सर्वानंद घाट पर आयोजित पत्रकार वार्ता में यति नरसंहानंद ने स्वामी आनंद स्वरूप से संबंध समाप्त होने तक की बात कह दी। कहा कि उन्होंने अपनी राह अलग कर उनसे मिलना-जुलना बंद कर दिया है। यतिनरसिंहानन्द ने कहा कि जितेन्द्र त्यागी उनके साथ नहीं हैं। वे यही नहीं रूके बल्कि यह भी कहा कि स्वामी आनंद स्वरूप उन्हें बदनाम करने के लिए अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि यति नरसिंहानंद सम्मानित एवं आदरणीय संत हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने यति नरसिंहानंद के विरोध में कभी कोई बात नहीं कही।

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