डॉ अन्नपूर्णा भारती गाजियाबाद से देहरादून की पदयात्रा पर। जाने क्या है मांग……
अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव डॉ अन्नपूर्णा भारती ने गाजियाबाद के जिलाधिकारी कार्यालय से उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री कार्यालय तक की पदयात्रा प्रारंभ की है।
उन्होंने महामंडलेश्वर यति नरसिंह आनंद सरस्वती और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर पैदल यात्रा की शुरुआत की है। हरिद्वार धर्म संसद मामले में दोनों भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद से ही डॉक्टर अन्नपूर्णा भारती इन दोनों लोगों की रिहाई की मांग कर रही थी। जब उनको रिहा नहीं किया गया तो उन्होंने पदयात्रा के माध्यम से सनातन धर्म और राष्ट्र की रक्षा की अलग जगाते हुए उत्तराखण्ड सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का निर्णय लिया।
प्रशासन डॉ. अन्नपूर्णा को गाड़ी से जाने के लिए अनुमति दे रहा था। लेकिन उन्होंने कहा कि पैदल ही यात्रा तय करेंगी। डॉक्टर अन्नपूर्णा ने कोरोना और चुनाव को देखते हुए प्र्रशासन से यात्रा में सात लोगों की अनुमति ली थी। लेकिन आज उन्हें सिफ दो लोगों को साथ मंे ले जाने की अनुमति मिली।
डॉ. अन्नपूर्णा ने कहा कि संत देश की धरोहर हैं, उन्हें यदि इस तरह से जेल की सलाखों के पीछे डाला जाएगा तो यह राष्ट्र के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा यति नरसिंहानंद सरस्वती सिर्फ हिंदुत्व की आवाज उठाते रहे हैं, उन्होंने देश धर्म के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे उन्हें गिरफ्तार किया जाए। सनातन धर्म की अलख जगाने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया, जबकि वह विदेश में नौकरी कर रहे थे और नौकरी छोड़कर भारत में आए। पहले वो आराम की जिंदगी व्यतीत कर सकते थे। मगर उन्होंने रास्ता कठिनाई पूर्ण चुना है, भले ही यह मार्ग कठिन हो लेकिन उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया है कि सनातन धर्म को जगा कर राष्ट्र की रक्षा का अलख जगाएंगे।