Monday, December 2, 2024
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हरिद्वार पहुंच रही है संस्कृति संवर्धन एवं देव संस्कृति को बढ़ावा देने वाली ‘गोल्ज्यू संदेश यात्रा’

-त्रिलोक चन्द्र भट्ट
हरिद्वार। उत्तराखण्ड में कुमाऊँ अंचल में घर-घर पूजे जाने वाले न्याय के देवता गोलज्यू (गोरलदेव महाराज) के मूल स्थान चंपावत से आरंभ हुई ‘गोल्ज्यू संदेश यात्रा’ आज हरिद्वार पहुंच रही है। उत्तराखण्ड के लोगों को इतिहास और संस्कृति के जोड़ने के साथ-साथ देशभर में इसे प्रचारित और प्रसारित करने मा माध्यम बन रही यात्रा का मुख्य उद्देश्य संस्कृति संवर्धन एवं देव संस्कृति को बढ़ावा देना है।


हरिद्वार में सांय 4 बजे बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र हर की पैड़ी पर न्यायकारी देवता ‘गोल्ज्यू’ के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। 7 तारीख को यह यात्रा हरिद्वार से प्रस्थान कर गढ़वाल भ्रमण के लिए निकल कर तीन बजे उत्तरकाशी पहुंचेगी। 8 नवंबर को सात बजे कचुड़ु देवता मंदिर डुंडा और उसके बाद राज राजेश्वरी मंदिर चिन्यालीसौड़ मंदिर मंदिर पहुंच और गढ़वाल के अन्य क्षेत्रों के लिए आगे प्रस्थान करेगी। धरोहर संस्था की ओर से 4 नवंबर को आरंभ की गयी 21 दिवसीय ‘गोल्ल्य संदेश यात्रा’ उत्तराखंड के 75 नगरों व ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए 24 नवंबर को पुनः अपने मूल स्थान चंपावत पहुंचेगी।

कुमाऊंनी एकता समिति (रजि) ने श्री गोल्ज्यू संदेश यात्रा में पुण्य के सहभागी बनने के लिए शिवालिक नगर शिव मंदिर से श्रद्धालुओं के लिए बस की व्यवस्था की है। जो अपराह्न 3.00 बजे शिवालिक नगर से हर की पैड़ी की ओर प्रस्थान करेगी। समिति से महासचिव ललित मोहन जोशी ने लोगों से अपील की है कि वे अधिकाधिक संख्या में गोल्ज्यू के दर्शन व आशीर्वाद लेने के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे। उन्होंने कहा कि जो लोग बस से जाना चाहते हैं उनके लिए संस्था द्वारा निःशुल्क बस की सुविधा प्रदान की जा रही है। रानीपुर मोड़, कनखल, ज्वालापुर, बीएचईएल, नवोदय नगर, कृपाल आश्रम, हरी आश्रय कॉलोनी, जगजीतपुर आदि स्थानों पर निवास करने वाले लोग भी संस्था से संपर्क कर यात्रा में सम्मिलित होने के लिए निःशुल्क बस सेवा का लाभ ले सकते हैं

दो साल पूर्व आरंभ हुई ‘गोल्ज्यू संदेश यात्रा’ एकता और सांस्कृतिक अखंडता का प्रतीक बनकर उत्तराखण्ड की लोक धरोहरों को सहेजने और भावी पीढ़ियों को इसे सौंपने का कार्य कर रही है। यह यात्रा देवभूमि की परंपराओं, रीति-रिवाजों और धार्मिक स्थलों का भ्रमण करते हुए यथार्थ को जीवित रखने का भी प्रयास कर रही है।


4 नवंबर को गोल्ज्यू के मूल स्थान चंपावत से आरंभ हुई गोल्ज्ूय संदेश यात्रा शुरू करते समय मांगलिक परिधानों में सुसज्ति महिलाओं व पुरुषों ने लंबी कलश यात्रा निकाली थी। जीआईसी चौक से शुरू हुई यह यात्रा प्रसिद्ध बालेश्वर मंदिर होते हुए गोरल चौड़ मैदान के समीप गोलू मंदिर में पहुंची जिसमें हर उम्र के श्रद्धालु शामिल थे। गोल्ज्यू महाराज का जयकारा करते हुए यात्रा जब पहुंची तब वहां लोक देवताओं का जागर आरंभ हुआ था। जिसमें गोल्ज्यू समेत ऐड़ी, कैलपाल, कैलबकरियां, भगवती, महाकाली, पंचबकरियां आदि लोक देवताओं के देव डांगर अवतरित हुए जिन्होंने सभी को अपना आशीर्वाद दिया। चंपावत से आरंभ हुई यह यात्रा टनकपुर, रूद्रपुर, काशीपुर होते हुए हरिद्वार पहुंची है।

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