सरकार पर राज्य आंदोलनकारियों की भावना से खिलवाड़ करने का आरोप
हरिद्वार मे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण के संबंध में आयोजित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त संघर्ष समिति की बैठक में अध्यक्ष सतीश जोशी ने राज्य सरकार पर राज्य आंदोलनकारियों की भावना से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा की 2017 में 154 राज्य आंदोलनकारियों की पत्रावलीयों की प्रमाणिकता की पुष्टि हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा की गई थी किंतु उनकी सूची आज तक जारी नहीं की गई है। जबकि 2011 के मानकों को ताक पर रखकर 2017 के मानकों से चिन्हीकरण का शासनादेश जारी कर समय सीमा 31 दिसंबर 2021 रखा गया ताकि राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण ना हो सके। उन्होंने कहा कि यह राज्य आंदोलनकारियों के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र है। क्योंकि दिसंबर में आचार संहिता लग जाएगी। बैठक में प्रचार सचिव जसवंत सिंह बिष्ट व महामंत्री प्रमोद डोभाल ने सरकार से आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण हेतु 2011 के मानक तय करने, नवंबर तक चिन्हीकरण सूची जारी करने की मांग की । बैठक में ख्यात सिंह रावत,गोपाल जोशी,भोपाल सिंह बिष्ट. तेज सिंह रावत,डी एन जुयाल, ओ पी कुकरेती, भगवती तिवारी, के एन जोशी, शांति प्रसाद लखेड़ा,आनंद मणि नौटियाल,एस एस रावत,अजब सिंह चौहान,विजय जोशी, जगत सिंह रावत,जेपी जोशी, शांति मनोडी,देवेश्वरी गैरोला,सुरेंद्र कुमार मलासी,अंजू उप्रेती,मीरा रतूड़ी,रश्मि चमोली,शशि भूषण घिल्डियाल,भगवान जोशी,आशु बड़थ्वाल,राजीव भट्ट,दीपक उप्रेती,सरोज मंमगाई,सरिता पुरोहित आदि ने उपस्थित रहे।