कालेज में कलेक्ट्रेट शिफ्ट करने पर हाई कोर्ट की रोक

स्कूल, कालेज विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए होते हैं और उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों की आवासीय व्यवस्था के लिए छात्रावास होते हैं लेकिन देहरादून के एक नामी कालेज में बेहतर व्यवस्थाएं और शैक्षिक माहौल बनाने के बजाय सरकार ने उसमें कलक्ट्रेट कार्यालय शिफ्ट करने का निर्णय ले लिया। हाईकोर्ट ने एमकेपीपीजी कॉलेज देहरादून के छात्रावास में देहरादून कलक्ट्रेट ऑफिस शिफ्ट किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ता द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय को बताया कि सरकार एमकेपीपीजी परिसर में जिला कार्यालय को शिफ्ट कर रही है, जो कि गलत है, इस पर रोक लगाई जाय। याचिकाकर्ता का कहना था कि शिक्षण संस्थानों में गैर शिक्षण संस्थानों के कार्यालयों को शिफ्ट करना नियम विरुद्ध है। इनको शिफ्ट करने से कालेज के छात्रों पर गलत प्रभाव पड़ेगा और उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होगी। याचिकाकर्ता का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन द्वारा छात्रावास को किराए पर देना व्यवहारिक नहीं है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय को शिफ्ट करने पर रोक लगाते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब देने को कहा है। मामले सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।

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