स्कूल ने हिंदी माध्यम में एडमीशन नहीं दिया तो धरने पर बैठी छात्राएं

बालिका शिक्षा का नारा लगाने वाले देश में जब हिंदी माध्यम की बालिकाओं को अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में प्रवेश न देकर शिक्षा से वंचित करने का षढ़यंत्र किया जाये तो सरकार की घोषणाएं केवल ढोंग और बाहरी दिखावा मात्र दिखाई देती हैं। नैनीताल जनपद में रामनगर में अटल उत्कृष्ट विद्यालय जी.जी.आई.सी. में प्रवेश न दिये जाने पर एडमीशन के लिए आयी 60 से अधिक छात्राओं के धरने पर बैठने से यह बात साफ हो गयी है कि अंग्रेजी मानसिकता के लोग हिंदी माध्यम से पढ़ने वाली छात्राओं के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं। दरसल रामनगर में अटल उत्कृष्ट विद्यालय जी.जी.आई.सी. में केवल अंग्रेजी मीडियम में ही प्रवेश दिये जाने से आठवीं तक हिंदी मीडियम से पढ़ने वाले बच्चों के सामने एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। जिन छात्राओं ने आठवीं कक्षा तक हिंदी माध्यम से पढ़ाई की है विद्यालय ने उन्हें हिंदी माध्यम में प्रवेश देने से इनकार कर दिया है। स्कूल का कहना है कि सभी को अंग्रेजी माध्यम से ही आगे की पढ़ाई करनी होगी। ऐसे में आठवीं तक हिंदी माध्यम से पढ़ी छात्राओं के सम्मुख अंग्रेजी माध्यम में पढ़ना कठिन हो गया है। हाल में ही राज्य सरकार द्वारा जीजीआईसी को अटल उत्कृष्ट विद्यालय घोषित करने के बाद अंग्रेजी मीडियम से पढ़ाई अनिवार्य कर स्कूल से हिंदी मीडियम हटा दिया गया है जिससे हिंदी मीडियम वाली छात्राओं के सामने समस्या उत्पन्न हो गयी है। छात्राओं के धरने पर बैठने की सूचना पर बीईओ वंदना रौतेला ने मौके पर पहुंच कर छात्राओं और उनके अभिभावकों को स्कूल में हिंदी मीडियम में प्रवेश दिए जाने का आश्वासन दिया देकर मामला शांत करने का प्रयास किया लेकिन छात्राएं अभिभावकों सहित धरने पर डटी हुई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!