युवक ने जुर्माना भरने को मां का मंगसूत्र बेचा तो, एआरटीओ ने दिखाया बड़ा दिल अपने वेतन से जमा कराया 24, 500 का जुर्माना

आज के युग में जब दौलत के लिए लोग अपना इमान बेच देते हैं वहीं उत्तर प्रदेश के एक एआरटीओ की देशभर में चर्चा हो रही है। जिसने अपनी मां का मंगलसूत्र बेचकर आटो का चालान भरने आये एक गरीब युवक की सच्चाई जानकर अपनी सेलरी से उसका 24, 500 का चालान तो भरा ही, युवक से आगे पढ़ाई कराने तक की पेशकश की। मामला उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले का है, जहां उप संभागीय परिवहन अधिकारी भारती का यह मानवीय चेहरा सामने आया है।
दरअसल, आर्थिक रूप से कमजोर युवक के ऑटो चालक पिता का 24500 रुपये का चालान कट गया था। मां का मंगलसूत्र बेचने के बाद भी युवक के पास रुपये कम पड़ रहे थे। यह बात एआरटीओ आर सी भारती को जब पता चली तो उन्होंने चालान की रकम स्वयं अपने सैलरी से भर दिया और पढ़ाई छोड़ चुके युवक को पढ़ाने की पेशकश भी की। एआरटीओ कार्यालय में सिंहपुर ताल्ही गांव के विजय पहुंचे तो उन्हें परेशान देख एआरटीओ ने पास बुलाकर परेशानी का कारण पूछने लगे। पूछने पर विजय ने बताया कि पिता राजकुमार ऑटो चलाते हैं और उन्हें एक आंख से दिखता भी कम है। 24,500 रुपये ऑटो के चालान जमा करना है। मां का मंगलसूत्र बेचने के बाद भी केवल 13,000 हजार रुपये ही इकट्ठा हो सके हैं। परिवार में छह बहनें हैं। पूरी कहानी सुनने के बाद एआरटीओ का दिल पिघल गया और उन्होंने चालान की पूरी रकम स्वयं जमा करने के साथ ही टेंपो का इंश्योरेंस भी कराया।
पूछने पर एआरटीओ ने सिर्फ इतना ही कहा कि मैंने उसकी पीड़ा सुनी और वह मुझे वाजिब लगी, इस वजह से मैंने उसका जुर्माना खुद ही भर दिया है।

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