आईआईटी रुड़की ने गणतंत्र दिवस 2025 मनाया, अपनी 178 वर्ष पुरानी विरासत एवं राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता का उत्सव मनाया
भारत के सबसे पुराने एवं प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने 76वें गणतंत्र दिवस को भव्यता के साथ मनाया, व देश के भविष्य को आकार देने के लिए उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता की अपनी 178 साल पुरानी विरासत की पुष्टि की।

समारोह का आरंभ निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत, उप निदेशक प्रो. यू.पी. सिंह, कुलसचिव श्री प्रशांत गर्ग, प्रशासन कुलशासक प्रो. डी.एस. आर्य, सम्मानित संकाय सदस्यों, कर्मचारियों और छात्रों सहित प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों के आगमन के साथ हुई। प्रो. पंत ने औपचारिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पहले सुरक्षा कर्मचारियों और एनसीसी कैडेटों द्वारा दिए गए सैनिक सलामी का निरीक्षण किया। इसके बाद पूरे समूह ने एकता एवं देशभक्ति का प्रतीक राष्ट्रगान का भावपूर्ण गायन किया।
अपने संबोधन में प्रो. पंत ने भारत की प्रगति में आईआईटी रुड़की की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “एशिया के सबसे पुराने तकनीकी संस्थानों में से एक के रूप में, आईआईटी रुड़की नवाचार, अनुसंधान एवं सामाजिक प्रभाव की एक गहन विरासत रखता है। इस गणतंत्र दिवस पर, हम अत्याधुनिक अनुसंधान, स्थिरता और भविष्य के नेताओं के सशक्तिकरण के माध्यम से प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए खुद को फिर से प्रतिबद्ध करते हैं।”
इस कार्यक्रम में एबीएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अनुश्रुति एकेडमी फॉर द डेफ एवं आईआईटी रुड़की कल्चरल सोसाइटी के छात्रों द्वारा जीवंत प्रदर्शन के साथ भारत की सांस्कृतिक विविधता का उत्सव मनाया गया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल भारत की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित किया, बल्कि युवा पीढ़ी की प्रतिभा और रचनात्मकता को भी दर्शाया।
संस्थान के भीतर योगदान को मान्यता देते हुए, 2024 में उनके अनुकरणीय प्रयासों के लिए कर्मचारियों को पुरस्कार और प्रशस्ति प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ भवन और मेस जैसी पहलों के लिए ट्रॉफियों ने परिसर में स्थिरता व समावेशिता हेतु आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता को उजागर किया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के जोरदार सहगान एवं “जय हिंद” के सामूहिक जयकारे के साथ हुआ, जिससे उपस्थित लोग प्रेरित और गौरवान्वित हुए। समारोह का सीधा प्रसारण किया गया, जिससे दुनिया भर के पूर्व छात्र, विद्यार्थी और शुभचिंतक इसमें भाग ले सकें और संस्थान की स्थायी विरासत से जुड़ सके।
अधिक जानकारी के लिए और समारोह का आनंद लेने के लिए, आईआईटी रुड़की के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर जाएं।