टीएमयू में ए रोडमैप फ्रॉम कैंपस टु कॉर्पोरेट पर सघन ट्रेनिंग

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के एफओईसीएस में तीन दिनी ऑनलाइन एम्प्लॉयबिलिटी इन्हैंस्मेंट प्रोग्राम-ईईपी का समापन

पंजाब के डब्ल्यूआईसीसीआई की प्रेसिडेंट एंव माइंडसेट परफॉर्मेंस की कोच सुश्री अनुराधा चावला ने बॉडी लैंग्वेज के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा, बॉडी लैंग्वेज के जरिए समझने और डिकोड करने में हमें मदद मिलती है। शारीरिक भाषा लोगों के मूड और भावनाओं की व्याख्या करने में भी मदद करती है। इसके अलावा हमारी समझ को बढ़ाती है कि हम क्या कहते हैं? कैसे कहते हैं ? सार्वजनिक भाषण में बॉडी लैंग्वेज की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। सुश्री चावला तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फ़ैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज़-एफओईसीएस में तीन दिनी ऑनलाइन एम्प्लॉयबिलिटी इन्हैंस्मेंट प्रोग्राम-ईईपी के समापन पर बोल रहीं थीं। ईईपी की थीम थी- ए रोडमैप फ्रॉम कैंपस टु कॉर्पोरेट। इस ऑनलाइन ईईपी में देश भर के सॉफ्ट स्किल ट्रेनर्सए शिक्षाविदों, पेशेवरों ने अंतिम वर्ष के सभी स्टुडेंट्स को प्रशिक्षण दिया। ईईपी जनरल चेयर और एफओईसीएस के निदेशक एवं प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने उद्घाटन भाषण दिया। ईईपी की कन्वीनर मिस नेहा आनंद ने ईईपी की थीम प्रस्तुत की। ईईपी कन्वीनर और सहायक निदेशक ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट श्री विक्रम रैना ने प्लेसमेंट की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। इस ईईपी के दौरान प्रतिभागियों को संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास, जीडी/पीआई प्रशिक्षण, साक्षात्कार कौशल, रेज़्यूमे राइटिंग, ड्रेसिंग सेंस, समय और तनाव प्रबंधन, कॉन्फ़िडेंस बिल्डिंग, कार्यजीवन संतुलन प्राप्त करना इत्यादि जैसे रोजगार कौशल के महत्वपूर्ण विषयों पर सघन ट्रेनिंग दी गई।

आशुर्क अस्मय प्राइवेट लिमिटेड, नोएडा के संस्थापक एंव सीईओ श्री आशुतोष तिवारी ने कहा, कॉलेज लाइफ कॉर्पोरेट जगत से जुदा है। मुख्य अंतर जीवन शैली, जिम्मेदारी, ज्ञान और समय का हैं। कॉलेज जीवन में हमारे पास सीमित जिम्मेदारियां हैं तो कॉर्पोरेट जीवन में जिम्मेदारियां असीमित हैं। मंशा ट्रेनिंग एंड डवलपमेंट कंसल्टेंट्स, पंजाब के संस्थापक निदेशक श्री मनीष शर्मा ने टाइम एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट अनुभव साझा किए। सफलता के लिए हमें दो कौशलों की आवश्यकता होती है- तकनीकी कौशल और सॉफ्ट कौशल, लेकिन सॉफ्ट स्किल निर्णायक कारक है। सफलता का 80 प्रतिशत सॉफ्ट स्किल पर निर्भर करता है। हर उम्र में सॉफ्ट स्किल की जरूरत होती है। ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून के कम्युनिकेशन एंड सॉफ्ट स्किल्स के प्रोफेसर प्रो. गोपाल कृष्ण द्विवेदी ने व्यक्तित्व वृद्धि के लिए पर्सनल ग्रूमिंग हैबिट्स के टिप्स दिए। उन्होंने कहा, कंपनी उम्मीदवारों की तुलना करती हैए लेकिन व्यक्तित्व प्रस्तुत करने योग्य उम्मीदवार को प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा, सादगी का अपना ही गुण होता है।

ईईपी जनरल चेयर एवं एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने सफलता के टिप्स देते हुए कहा, आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत आपको हमेशा सफलता दिलाएगी। इसके लिए परफेक्शन, निष्ठा और दृढ़ता भी अनिवार्य है। ईईपी का मकसद स्टुडेंट्स की शैक्षणिक योग्यता और कॉर्पोरेट जरूरतों के बीच की खाई को पाटना है ताकि रोजगार कौशल में इजाफा हो। विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, नई दिल्ली की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मीतू कपूर भाटिया ने कॉर्पोरेट कॉलिंग पर व्याख्यान देते हुए कहा, कॉर्पोरेट कॉलिंग में हार्ड स्किल और सॉफ्ट स्किल शामिल हैं। इन दोनों प्रकार के कौशल की आवश्यकता है। हम इनमें से किसी को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। डॉ. भाटिया ने सत्र की शुरुआत तेनाली राम की कहानी के साथ कीए जिसमें हार्ड और सॉफ्ट कौशल दोनों के संयोजन पर जोर दिया गया।

एमडीएस विश्वविद्यालय, अजमेर के कार्यवाहक कुलपति प्रो. मनोज कुमार हैंड इन हैंड वर्कशॉप, नई दिल्ली की संस्थापक निदेशक सुश्री मीना बलूजा, टेक्नोसस सॉफ्टवेयर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, पंजाब की टैलेंट एक्विज़िशन की प्रबंधक सुश्री मीनू यादव, बीएसएसएस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज, भोपाल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अनंत गीते उप्पलए पंजाब स्टेट लाइफ स्किल्स, भारतीय, लाइफ एंड करियर सक्सेस, पंजाब के कोच श्री सतविंदर सिंह, लिबरल आर्ट्स स्कूल, उत्तरांचल विश्वविद्यालय, देहरादून की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पिंकी चुघ, लिबरल आर्ट्स स्कूल, एमिटी यूनिवर्सिटी, हरियाणा की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पारुल यादव, इंजीनियरिंग कॉलेज, एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिल्पी गुप्ता आदि ने अपने व्याख्यान दिए। ईईपी कोऑर्डिनेटर्स प्रो. अशेंद्र कुमार सक्सेना, प्रो. आर.के. जैन, डॉ. शंभू भारद्वाज, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. पंकज कुमार गोस्वामी, डॉ. गरिमा गोस्वामी, डॉ. रंजना शर्मा, डॉ. गुलिस्ता खान आदि भी ईईपी में जुड़े। अंत में ईईपी की कन्वीनर मिस नेहा आनंद ने सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। संचालन डॉ. सोनिया जयंत, सुश्री इंदु त्रिपाठी और डॉ. असीम अहमद ने किया। अंत में पूर्वक प्रशिक्षण लेने वाले सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी दिया गया।

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