इस्लाम से नाता तोड़ हिंदु धर्म अपनाने वाले जितेंद्र त्यागी सन्यास की राह पर
हरिद्वार। एक मुस्लिम परिवार में पले, बढ़े और और धर्म-कर्म के खट्टे-मीठे कई अनुभवों से गुजरने के बाद हिंदू धर्म को आत्मसात करने वाले उ0प्र0 शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने जितेंद्र त्यागी बनने के बाद बहुत कुछ झेला है। यहां तक कि उन्हें जेल भी जाना पड़ा। लेकिन अब जेल से रिहा होते ही उन्होंने सांसारिक मोहमाया और सामाजिक जीवन झोड़कर सन्यास दीक्षा लेने का मन बनाया है। रविवार को हरिद्वार में शांभवी धाम के पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप एवं काली सेना प्रमुख स्वामी दिनेशानंद भारती के साथ भगवान शंकर के रुद्राभिषेक के दौरान जितेन्द्र त्यागी ने संन्यास की इच्छा जताई थी अपनी इस इच्छा को जाहिर करने के बाद आज इस संबंध में उनकी अखाड़ों से वार्ता हो सकती है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी उनको सन्यास परंपरा में शामिल किया जाएगा या नहीं इस पर विचार किया जा रहा है। बड़े संतों से भी राय ली जाएगी। जबकि अखड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी का मत है कि जब उन्होंने हिन्दू धर्म धारण कर लिया है और स्वेच्छा से संन्यास धारण करना चाहते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।