किन्नौर से हरिद्वार आ रही बस पर गिरा पहाड़, 10 की मौत, 14 सुरक्षित बचाए गए

हरिद्वार: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. बुधवार को एक बार फिर किन्नौर के निगुलसारी के समीप लैंडस्लाइड हुआ है. किन्नौर में भूस्खलन होने से 50 से अधिक लोग उसकी चपेट में आ गए हैं. लैंडस्लाइड की चपेट में एक बस भी आ गई है. ये बस किन्नौर से हरिद्वार आ रही थी. आईटीबीपी के मुताबिक राहत बचाव कार्यों के दौरान 10 लोगों के शव बरामद हुए हैं. वहीं, 14 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है और मौके पर एजेंसियां राहत-बचाव कार्यों में जुटी हुईं हैं.

हालांकि, हिमाचल प्रदेश के परिवहन मंत्री विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि किन्नौर हादसे में कई वाहन मलबे में दबे हैं, जो बस भूस्खलन की चपेट में आई है, उसमें लगभग 30-35 लोग सवार थे. घटना बुधवार दोपहर के समय का है. जब राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से चल रही थी. इसी बीच अचानक पहाड़ों से चट्टानें खिसक कर सड़क पर गिरने लगीं.

किन्नौर उपायुक्त आबिद सादिक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सड़क परिवहन की बस समेत अनेक वाहन भूस्खलन के मलबे में दब गए. बस में 40 से अधिक यात्री सवार थे. बस किन्नौर के रेकॉन्ग प्यो से उत्तराखंड के हरिद्वार आ रही थी. सादिक ने बताया कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं, जिससे बचाव अभियान में कठिनाई आ रही हैं.

किन्नौर के भावानगर इलाके में नेशनल हाईवे-पांच पर हुई घटना में एचआरटीसी की बस समेत कई वाहन मलबे में दब गए हैं. हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है. एनडीआरएफ घटनास्थल पर पहुंच गई है. अभी मलबे में कितने लोग दबे हैं इसकी कोई जानकारी नही हैं.

भूस्खलन की यह घटना निगुलसारी के पास चैरा नामक स्थान पर हुई. मलबे की जद में आई एचआरटीसी की बस किन्नौर से हरिद्वार आ रही थी. किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सिद्दकी ने फोन पर बताया कि इस भूस्खलन के मलबे के नीचे कई वाहन दब गए हैं. मौके पर आईटीबीपी, सेना और राज्य पुलिस के जवान राहत बचाव कार्य कर रहे हैं. पहाड़ी से मलबा गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है और इस वजह से बचाव अभियान शुरू करने में मुश्किलें आ रही हैं.

इस घटना में कई लोगों के लापता होने की सूचना भी मिली है. प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. बता दें कि पिछले महीने लैंडस्लाइड में नौ लोगों की मौत हो गई थी और लाखों का नुकसान भी हुआ था.

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