असम में अहोम युग के ‘मोइदम’ यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल
असम। भारत के पूर्वात्तर में स्थित असम राज्य के चराइदेव जिले में स्थित अहोम युग के ‘मोइदम’ को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है। भारत ने 2023-24 के लिए यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने के लिए देश की ओर से नामांकन के रूप में ‘मोइदम्स’ का नाम दिया था। इसे शामिल करने की सिफारिश अंतरराष्ट्रीय सलाहकार संस्था आईसीओएमओएस ने की थी। गौरतलब है कि अहोम मोइदम पिरामिड सरीखी अनूठी टीलेनुमा संरचनाएं हैं, जिनका इस्तेमाल ताई-अहोम वंश द्वारा अपने राजवंश के सदस्यों को उनकी प्रिय वस्तुओं के साथ दफनाने के लिए किया जाता था। ताई-अहोम राजवंश ने असम पर लगभग 600 साल तक शासन किया था। यानी ये असम के शाही परिवारों का कब्रिस्तान है। अहोम मोइदम का क्षेत्रफल 95.02 हेक्टेयर है और इसका बफर जोन 754.511 हेक्टेयर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चराइदेव स्थित मोइदम के भीतर 90 संरचनाएं हैं, जो ऊंची भूमि पर स्थित हैं। इन्हें ईंट, पत्थर या मिट्टी से बने खोखले मिट्टी के टीले जैसा बनाया गया था। इसमें एक अष्टकोणीय दीवार के केंद्र में एक मंदिर बनाया गया था। चराइदेव में स्थित मोइदम अहोम राजाओं और रानियों का कब्रिस्तान है। ये मध्यकालीन युग के असम के कलाकारों की शानदार वास्तुकला और विशेषज्ञता का नमूना है।