अब पानी भी पहाड़ के काम आएगा, जवानी भी पहाड़ के काम आएगी- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी


प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के दर्शन और आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केदारनाथ में दर्शन कर बाबा केदार का रुद्राभिषेक किया। इसके बाद उन्होंने आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया। प्रधानमंत्री ने यहां के विकास कार्यों की समीक्षा भी की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी कभी पहाड़ के काम आता नहीं। अब पानी भी पहाड़ के काम आएगा जवानी भी पहाड़ के काम आएगी। उत्तराखंड से पलायन को रोकना है। अगला दशक उत्तराखंड का है। मोदी बोले यहां पर्यटन को काफी बढ़ने वाला है। मोदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड में चार धामों से सड़क संपर्क और हेमकुंड साहिब के पास रोपवे सहित कई बुनियादी ढांचागत कार्यों की योजना है। यह दशक उत्तराखंड का है। अगले 10 वर्षों में, राज्य में पिछले 100 वर्षों की तुलना में अधिक पर्यटक आएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि -इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूं कि – समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है। कई सन्यासी हुए हैं जिन्होंने छोटे से कालखंड में युगों को गढ़ दिया। भारत इन महान विभूतियों की प्रेरणा पर चलता है। मोदी बोले कि लोग युवा पीढ़ी को स्वाधीनता संग्राम से जुड़े स्थानों के साथ-साथ केदारनाथ और इस जैसे अन्य पवित्र स्थानों पर भी लेकर जाएं।
पीएम बोले कि आदि शंकराचार्य ने पवित्र मठों की स्थापना की, चार धामों की स्थापना की, द्वादश ज्योतिर्लिंगों का पुनर्जागरण का काम किया। आदि शंकराचार्य सबकुछ त्यागकर देश, समाज और मानवता के लिए जीने वालों के लिए एक सशक्त परंपरा खड़ी की अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि वह केदारनाथ में हो रहे विकास कार्यों पर लगातार दिल्ली से नजर बनाकर रखते थे। वह ऐसा ड्रोन फुटेज के जरिए किया करते थे। विकास कार्यों में दिशा दिखाने के लिए पीएम ने वहां के सभी रावल-पिरोहितों का धन्यवाद किया। मोदी बोले कि बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। यह विकास कार्य ईश्वर की कृपा से हुआ। इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं।

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