हिंदी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर एनयूजे ने आयोजित की संगोष्ठी
हरिद्वार। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (एनयूजे उत्तराखण्ड) की हरिद्वार इकाई की ओर से हिंदी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष में बुधवार को नेहरू यूथ हॉस्टल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें देश की आजादी से लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलन व राष्ट्रहित में पत्रकारिता की भूमिका पर चर्चा की गई। इस अवसर पर पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों को यूनियन की ओर से सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। संगठन की जिलाध्यक्ष सुदेश आर्या समेत अन्य पदाधिकारी ने अतिथियों का स्वागत किया। श्रीमती आर्या ने स्वागत संबोधन में आगन्तुक अतिथियों का अभिनन्दन करते हुए नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) की संगठनात्मक गतिविधियों से अवगत कराया। मुख्य अतिथि के तौर पर एसएमजेएन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करती है। देश की आजादी को लेकर हुए आंदोलन में हिंदी पत्रकारिता ने अंग्रेजों की चूलें हिलाकर रख दी थी। उन्होंने कहा कि हिंदी पत्रकारिता के उद्भव एवं विकास में हिंदी भाषा के पहले अखबार उदन्त मार्तंड और उसके संपादक पंडित जुगल किशोर शुक्ल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। डॉ बत्रा ने अध्यापन के क्षेत्र में आने से पहले पत्रकारिता करने का अपना अनुभव साझा किया। वरिष्ठ पत्रकार डॉ शिव शंकर जायसवाल ने कहा कि पत्रकारिता दिवस पर जिन मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाता हैए उनको अपने व्यवहार और कार्यशैली में भी उतारना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारी पराधीनता के दौर में प्रत्येक मंगलवार को निकलने वाला साप्ताहिक उदन्त मार्तंड देश के उन क्रांतिकारी अखबारों में से एक था जो ईस्ट इंडिया कंपनी की दमनकारी नीतियों के खिलाफ खुलकर लिखता था। श्री जायसवाल ने कहा कि वास्तव में आज भी देश को ऐसे ही निर्भीक अखबारों की जरूरत है जो निडरता और निस्पक्षता के साथ जनता की आवाज को बुलंद कर सकें। वरि. पत्रकार प्रो. पीएस चौहान ने कहा कि पत्रकारिता के दो मूल तत्व हैं। पहला जिम्मेदारी और दूसरा विश्वसनीयता। इन दोनों के लिए पत्रकारिता का निष्पक्ष होना जरूरी हैए तभी वह देश और समाज के हित में उपयोगी साबित हो सकती है।
प्रो. चौहान ने कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी की दमनकारी नीतियों के खिलाफ खुलकर लिखने वाले हिंदी के पहले अखबार उदन्त मार्तंड ने हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत को चिह्नित किया है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी में इस अखबार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ खबरें छापने के कारण यह अखबार अंग्रेज सरकार की नजरों में खटकने लगा। श्री चौहान ने कहा कि आज देश में अखबारों की नीतियां और मूल्य बदल गये हैं।
इस अवसर पर यूनियन की ओर से डॉ0 शिव शंकर जायसवालए डॉ0 पी एस चौहान और रत्नमणि डोभाल को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वही साठ वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी पत्रकारिता में निरंतर सक्रियता के साथ उत्कृष्ट कार्य कर रहे वरिष्ठ पत्रकार डॉ0 शिवशंकर जायसवाल, प्रवीण झा और ललितेन्द्र नाथ सहित पत्रकारिता से अपनी अलग पहचान बनाने वाले युवा पत्रकार मेहताब आलम को प्रशस्ति पत्र देकर और शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मेहताब आलम ने मोहक गीत की प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। पूर्व जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार पाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में डॉ0 सुनील बत्रा, डॉ0 शिवशंकर जायसवाल, प्रो0 पीएस चौहान, मेहताब आलम, ललितेन्द्र नाथ, प्रवीण झा, रतनमणी डोभाल एनयूजे के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पाल एवं विक्रम सिंह सिद्धू, चौ. महेश सिंह, भगवती प्रसाद गोयल, रेखा नेगी, नवीन कुमार, विनोद चौहान, धीरेन्द्र सिंह रावत, प्रभाष भटनागर, धन सिंह बिष्ट, संजय अग्रवाल, पंकज सेठी, राजवेन्द्र कुमार, सूर्या सिंह राणा, धनसिंह बिष्ट, सूर्या सिंह राणा, रामेश्वर शर्मा, सूर्यकांत बेलवाल, राधिका नागरथ, ठाकुर शैलेन्द्र सिंह, रेखा सिंघल, सीमा सूद, पल्लवी सूद, सुशील कुमार आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन जिला महासचिव मुकेश कुमार सूर्या ने किया।