पिथौरागढ़ की बेटी ने यूरोप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर लहराया तिरंगा

एवरेस्ट, कंचनजंगा और अन्नपूर्णा जैसे दुर्गम पर्वत शिखरों को सफल आरोहण दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला पर्वतारोही होने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराने वाली पिथौरागढ़ की शीतल ने स्वतंत्रता दिवस पर एक और उपलब्धि अपने नाम की है। कुमाऊं मंडल विकास निगम नैनीताल के एडवेंचर विंग में कार्यरत पिथौरागढ़ की 24 वर्षीय शीतल ने रूस.जॉर्जिया बॉर्डर पर स्थित समुद्र तल से 5642 मीटर की ऊंचाई वाली यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा लहराकर भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने पर्वतारोहण के इस अभियान के दौरान क्लाइम्बिंग बियॉन्ड द समिट्स (सीबीटीएस) की चार सदस्यों की टीम का नेतृत्व किया। उनके साथ राजस्थान के जुड़वा भाई तपन देव सिंह और तरुण देव सिंह और लद्दाख से जिगमित थरचिन भी शामिल थे। उनकी टीम फ्लाइट रद्द होने के कारण पूर्व निर्धारित समय से तीन दिन देरी से मॉस्को पहुंची थी। शीतल की टीम ने 13 अगस्त को 3600 मीटर की ऊंचाई पर अपना बेस कैंप बनाया। 14 अगस्त की रात वे माउंट एल्ब्रुस चोटी के लिए निकले और 15 अगस्त को दोपहर करीब एक बजे माउंट एल्ब्रुस की चोटी पर टीम ने तिरंगा लहराया। उन्होंने 48 घंटे के अंदर बेस कैंप से सम्मिट किया।
सीबीटीएस के संस्थापक एवरेस्ट विजेता योगेश गर्ब्याल के अनुसार गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली शीतल के पिता पिथौरागढ़ में टैक्सी चलाकर परिवार का पालते हैं। शीतल की पर्वतारोहण क्षमता और उनकी प्रतिभा देखकर ही विभिन्न संस्थाओं ने उन्हें सहयोग किया।

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