शिवालिकनगर नगर के वार्ड 9 में राधेश्याम कुशवाहा की जीत
-त्रिलोक चन्द्र भट्ट
शिवालिकनगर (हरिद्वार) 25 जनवरी। नगर पालिका शिवालिकनगर के वार्ड 9 में मात्र तीन प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में होने के कारण प्रारंभ से केवल भाजपा के राधेश्याम कुशवाहा और कांग्रेस प्रत्याशी संतोष कुमार के बीच मुकाबना माना जा रहा था। तीसरे निर्दलीय प्रत्याशी राकेश सेठ ने चुनाव को ही त्रिकोणीय बनाने के लिए भरसक कोशिश की, लेकिन जीत राधेश्याम कुशवाहा की हुई उन्हें 374 उन्हें वोट मिले हैं अधिकारिक घोषणा बाकी है।
जैसे-जैसे चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ा वैसे-वैसे प्रत्याशियों ने अपने-अपने तरीके से मतदाताओं के लुभाने की पुरजोर कोशिश की। इसके लिए जाति, धर्म व क्षेत्रवाद जैसे हथकंडों के साथ तमाम लोक लुभावन वादों के साथ वोटर को अपने पक्ष में करने के लिए वह सब हथकंडे अपनाये गये जिससे लाभ मिल सके। लेकिन वोट कटने की आंशका में आखिर तक प्रत्याशियों के माथे पर चिंता की लकीरें भी खिंची रही। हालांकि मतदान तक सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे थे। लेकिन जैसे ही देपहर बाद वार्ड नम्बर 9 की मतगणना शुरू हुई उसमें विजयश्रीराधेश्याम कुशवाहा को मिली।

मतगणना स्थल से राधेश्याम कुशवाहा की जीत की खबर बाहर आते ही उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी, और वे एक दूसरे को बधाई देने लगे।राधेश्याम कुशवाहा ने अपनी जीत का श्रेय सुभाषनगर के वार्ड 9 की जनता को दिया है। उन्होंने कहा कि वे अपने कार्यकाल में जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने का भरसक प्रयास करेंगे।
निर्वाचन की घोषणा के साथ ही अब बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ रोड, सीवर, सफाई, नागरिक सुरक्षा, बंदरों का आंतक जैसे कई स्थानीय मुद्दों को पूरा करने के लिए नव निर्वाचित प्रत्याशी की अग्नि परीक्षा की शुरूआत हो चुकी है।
नगर पालिका में जीत दर्ज कराने वाले प्रत्याशी राधेश्याम कुशवाहा को बहुत-बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं!
यह जीत एक बड़ी जिम्मेदारी के साथ वार्ड के प्रति जवाबदेही लेकर भी आयी है। लोगों की बहुत अपेक्षाएं हैं जिनको पूरा करने की जिम्मेदारी आपके कंधों पर है।
जो प्रत्याशी इस बार के चुनाव में किसी कारणवश हार गए है। उनको निराश होने/घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि जीवन में जीत और हार तो लगी रहती है। असफलता सफलता की कुंजी है. असफलता से सीखना और उससे उबरना, सफलता की ओर आगे बढ़ने का एक तरीका है. असफलता से निराश होने की बजाय, उससे सीखकर आगे बढ़ना चाहिए. असफलता से सीखने से हमारी सोच में सुधार होता है और हमारी कमज़ोरियां दूर होती हैं!
अब समय है सब आपस में प्रेम और सद्भाव के साथ आगे बढ़े। सभी को उज्जवल भविष्य के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं!
-त्रिलोक चन्द्र भट्ट