भारतीयों को खारकीव से निकलने के लिए सेफ पैसेज

यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे भारतीयों की सुरक्षित निकासी के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति के बीच हुई चर्चा के बाद खारकीव से निकलने के लिए भारतीय छात्राओं को सेफ पैसेज की राह खुल गयी है। खारकीव में एक हजार से अधिक भारतीय विद्यार्थी फंसे हुए हैं। खबर है कि रूसियों की मदद से भारतीय छात्राओं को यूक्रेन की पश्चिमी सीमा की ओर रवाना किया जा चुका है तथा अब छात्रों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि उनकी रूसियों के साथ कई मामलों पर बात चल रही है। अब वे भारतीयों को निकालने में हमारी मदद कर रहे हैं। प्रवक्ता के अनुसार रूसी सेना ने उन इलाको को फिलहाल छोड़ दिया है, जिन्हें हमने टारगेट नहीं करने के लिए कहा था। क्यों कि हम अपने छात्रों को निकलने देने के लिए सुरक्षित मार्ग को लेकर रूसियों के साथ गठजोड़ की कोशिश कर रहे हैं।
बीते रोज भारत ने अपने सभी नागरिकों को भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे तक खारकीव शहर खाली करने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि आवश्यक हो तो पैदल ही पिसोचिन, बाबई या बेज़लुदिवका की तरफ जाएं और हर हाल में खारकीव खाली कर दें। भारतीय दूतावास की एडवायज़री के बाद 1000 हज़ार से ज़्यादा भारतीय छात्र खारकीव शहर से बाहर की तरफ निकल पड़े। यूक्रेन में बढ़ते रूसी हमलों के बीच खारकीव रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों भारतीय छात्र ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। खारकीव से निकलने छात्र पेसोचिन, बाबाये और बेजलियुडोवका की ओर बढ़ रहे हैं। इनमें सबसे करीब पेसेचिन है। जो खारकीव से लगभग 12 किलोमीटर दूर एक कस्बा है। यहां तक खारकीव से पैदल पहुंचने में दो-ढ़ाई घंटे का समय लगेगा।
दूसरी ओर भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ मतदान से परहेज किया। यूएनजीए की बैठक में यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान को रोकने की मांग करने वाला प्रस्ताव 141 मतों (पक्ष में) के साथ पारित किया गया। इसके विरोध में पांच मत पड़े जबकि 35 सदस्यों ने प्रस्ताव से दूरी बनाई।

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