फिर लौट आया छात्रवृत्ति का घोटालेबाज, जिले में मिली तैनाती
उत्तराखण्ड का इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा कि जिस अधिकारी पर छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश दिखाकर फीस प्रतिपूर्ति के रूप में करोड़ों की धनराशि के गबन का आरोप हो उससे खिलाफ त्वरित कार्रवाई के बजाय उसे उपकृत किया जाय। मामला हरिद्वार से जुड़ा है जनपद में सहायक समाज कल्याण अधिकारी रहते हुये टीआर मलेठा पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश दिखाकर फीस प्रतिपूर्ति के रूप में करोड़ों की धनराशि के गबन का आरोप है। करीब सालभर पहले ही इस अधिकारी का ट्रांस्फर चमोली जिले में कर दिया गया था। अब धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी अधिकारी टीआर मलेठा को शासन ने वापिस हरिद्वार जिले में ही प्रभारी जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर तैनाती दे दी है। जिस हरिद्वार जिले में यह अधिकारी घोटाले का आरोपी है उसी जिले में नियुक्ति दिये जाने पर सरकार और समाज कल्याण विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं । गौरतलब है कि राज्य में विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद ही अधिकारियों के तबादले किये जाते हैं। ऐस में बिना मंत्री के अनुमादन के ट्रांस्फर हुआ हो यह संभव नहीं है। दूसरी ओर हरिद्वार में एसआईटी ने छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज कर मलेठा सहित विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ अग्रिम विवेचना की अनुमति मांगी है। हरिद्वार के मुकदमों में एसआईटी को 23 अधिकारियों की कारगुजारियां खंगालनी हैं। लेकिन जीरो टारलेंस की सरकार ने अभी यह अनुमति ही नहीं दी है।