ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई पूरी, अब अदालत के फैसले पर टिकी सबकी निगाहें।
वाराणसी के जिला जल की अदालत में आज ज्ञानवापी मस्जिद परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की अनुमति और अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों को संरक्षित करने को लेकर दायर मुकदमे की सुनवाईं हुई। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर सर्वे के बाद दावे-प्रतिदावों के बीच जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में आज सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने कल तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया जिसके बाद दोनों पक्षों की निगाहें अदालत के फैसले पर टिक गयी हैं। कल न्यायालय की तरफ से बताया जाएगा कि यह मामले आगे सुनवाई योग्य है या नहीं। अदालत में वादी पक्ष की तरफ से जिला जज की कोर्ट से यह मांग की गई कि विपक्षी कमीशन कार्यवाही पर आपत्ति दाखिल करे। जबकि प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की दलील थी कि पहले विशेष उपासना स्थल अधिनियम लगेगा या नहीं इस पर सुनवाई हो। अदालत ने इस पर मंगलवार 24 मई की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी है। न्यायालय की तरफ से बताया जाएगा कि यह मामले आगे सुनवाई योग्य है या नहीं। इससे पूर्व मुकदमें से जुड़े लोगों के अलावा अन्य लोगों को कोर्ट में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गयी। पुलिस के अनुसार दोनों पक्षों के 19 वकीलों और 4 याचिकाकर्ता कोर्ट रूम में मौजूद रहे। अंदर जाने की अनुमति केवल उन्हीं को मिली जिनका नाम सूची में दर्ज था।
बता दें कि हिंदू पक्ष श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा करने, वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की पूजा करने, नंदी के उत्तर में मौजूद दीवार को तोड़कर मलबा हटाने, शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई जानने के लिए सर्वे करने तथा वजूखाने का वैकल्पिक इंतजाम करने की मांग कर रहा है। जबकि मुस्लिम पक्ष वजूखाने को सील करने का विरोध करने सहित 1991 एक्ट के तहत ज्ञानवापी सर्वे और केस पर सवाल उठा रहा है।