खानपुर में राजशाही का तिलिस्म टूटा, पत्रकार उमेश ने राजनीति के धुरंधरों को धूल चटाई

त्रिलोक चन्द्र भट्ट

हरिद्वार जनपद की खानपुर विधानसभा के नाम को देश-प्रदेश के लोग भले ही उसके नाम से न जानते हों लेकिन बदजुबान और बदमिजाज विधायक चैंपियन के नाम से जरूर जानते रहे होंगे। अपनी दबंगई के कारण हमेशा चर्चाओं में रहने वाले विधायक चैंपियन को इस बार उनके ही घर में घुस कर सुप्रसिद्ध पत्रकार उमेश कुमार ने चुनौदी दी थी। एक अनुभवहीन राजनीतिज्ञ के लिए दूसरी विधानसभा क्षेत्र में जाकर चुनाव में खड़ा होना आसान नहीं था। बावजूद इसके खानपुर विधानसभा क्षेत्र में एकछत्र राज का दावा करने वाले चैंपियन की राजशाही का तिलिस्म तोड़ दिया। उमेश कुमार ने बसपा के रविंद्र सिंह और कुंवर प्रणव चैंपियन की पत्नी रानी देवयानी को जमीन दिखा दी। बसपा के रविंद्र सिंह यहां से 6900 वोटों से हार गये। जबकि भाजपा की रानी देवयानी तीसरे स्थान पर रहीं।
उमेश कुमार 2016 में हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन कर विधायकों की खरीद-फरोख्त का पर्दाफाश करने के कारण चर्चाओं में आये थे। उमेश कुमार की कोई राजनैतिक पृष्ठभूमि नहीं है, और न ही उन्हें चुनाव लड़ने का कोई पुराना अनुभव था इसके बावजूद उन्होंने जो करिश्मा किया उससे हर कोई हैरत में पड़ गया। उमेश कुमार ने चुनाव से पहले ही कह दिया था कि खानपुर की जनता ने उन्हें अपना मान लिया है और लोग राजशाही और गुलामी की परम्परा से आज़ादी चाहते हैं। उनका कहना था कि खानपुर की जनता ने विकास के लिए उन्हें चुना है। जनता अहंकारी राजा नहीं बल्कि एक सेवक चाहती है। चुनाव परिणामों के सामने आने बाद उनकी यह बाच सच हो गयी। जनता ने अपना सेवक चुनकर अहंकारी राजवंशी को जमीन दिखा दी।

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