हरिद्वार में होगी भारत-तिब्बत समन्वय संघ की राष्ट्रीय बैठक। कैलाश मानसरोवर सहित तिब्बती लोगों के मानवाधिकार पर होगा फैसला

भारत तिब्बत समन्वय संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 4 से 6 दिसंबर तक हरिद्वार में होगी। संघ के प्रदेश महामंत्री मनोज गहतोड़ी ने कार्यसमिति की जानकारी देते हुए बताया कि अधिवेशन में देशभर के राष्ट्रवादी विचारकों के साथ ही संत भी प्रतिभाग करेंगे। हरिद्वार के गंगा स्वरूप आश्रम में होने वाली इस राष्ट्रीय बैठक में सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन के अलावा देशभर के राष्ट्रवादी चिंतक विचारक, सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, संत, पूर्व आईएएस अधिकारी प्रतिभाग कर तिब्बत की आजादी, कैलाश मानसरोवर समेत अन्य मुद्दों पर मंथन करेंगे।
भारत तिब्बत समन्वय संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कुलपति प्रो. प्रयाग दत्त जुयाल ने देहरादून में मीडिया से बात करते हुए कहा कि तिब्बत में लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, तिब्बत की आजादी भारत की सीमाओं से सुरक्षा के सन्दर्भ में गंगा स्वरूप माश्रम में तीन दिनों तक मंथन होगा। और आगे की राणीनीति तैयार की जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र चौहान ने कहा कि चीन से लड़ने और तिब्बत की आजादी के लिए जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। कहा कि सीमान्त जिलों के नागरिकों को शस्त्र प्रशिक्षण अनिवार्य होना चाहिए। इस मौके पर महिला प्रांत अध्यक्ष डॉ. वंदना स्वामी, प्रदेश उपाध्यक्ष आमेश मनहास, प्रो. विजय कौल, क्षेत्र संगठन मंत्री मोहन दत्त भट्ट, जिलाध्यक्ष देहरादून गिरीश सिंह नेगी सहित तिब्बत समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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