UTTARAKHAND : राज्य आंदोलनकारियों के 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को मिली राजभवन की मंजूरी, आन्दोलनकारियों में खुशी की लहर
DEHRADUN : उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण देने से संबंधित विधेयक को राज्य के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने मंजूरी दे दी है। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह सीएम धामी ने विधेयक को मंजूरी मिलने पर खुशी जाहिर की है।
शैतिज आरक्षण विधेयक को राज्यपाल की स्वीकृति मिलने पर मुख्यमंत्री धामी ने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को कभी नहीं भूल सकती। राज्य आंदोलनकारी हमारे लिए हमेशा सम्मानीय रहे हैं। हमारी सरकार उनकी सुविधाओं को सर्वाेच्च प्राथमिकता देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके सभी आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था और इसका विधेयक विधानसभा में पारित कर राज्यपाल को भेजा गया था। जिस पर उन्होंने अपनी सहमति दे दी है। इससे राज्य आंदोलनकारियों की एक बड़ी लंबित मांग भी पूरी हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि हमने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों की मृत्यु के बाद उनके आश्रितों को पेंशन देने का भी निर्णय लिया है। राज्य आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
बताते चलें कि 13 मार्च, 2023 को गैरसैंण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बिल के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसके बाद सदन में पहले बिल पारित करवा कर उसे विधेयक के रूप में लाने के लिए विधानसभा की प्रवर समिति को भेजा गया। प्रवर समिति ने 2023 में ही विधेयक विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया था। इसके बाद सदन में विधेयक को भी पास कराया गया था। 7 फरवरी 2024 को विधेयक को राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेजा गया था।