खेतों का मुआवजा न मिलने पर ग्रामीणों ने अधिकारियों को घेरा
उत्तरकाशी में सड़क निर्माण के लिए काटे गये खेतों के मुआवजे के लिए 7 साल से मुआवजे की बाट जोह रहे ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया तो उन्होंने अधिशासी अभियंता के न मिलने पर सहायक अभियंता और अवर अभियंता को को बंधक बना लिया। आपको बता दें कि उत्तरकाशी में ज्ञानसू. ज्ञाणजा मोटर मार्ग के निर्माण के लिए पीएमजीएसवाई ने ग्रामीणों के खेतों का इस्तेमाल किया। जिसके बदले ग्रामीणों को मुआवजा देने की घोषणा की गई थीए लेकिन 7 साल बीत जाने के बाद भी उनको को मुआवजा नहीं दिया गया। अधिकारियों के झूठे आश्वासनों से तंग आकर पीएमजीएसवाई के अधिकारियों से अनाज के साथ सड़क निर्माण के लिए काटे गए खेतों का प्रतिकर देने की मांग करने ग्रामीण कंसेण स्थित पीएमजीएसवाई कार्यालय खाली बोरियां लेकर गये थे। ग्रामीणों ने पीएमजीएसवाई दफ्तर में हंगामा करते हुए कहा कि जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा वे चैन से नहीं बैठेंगे। उन्होंने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों से अनाज के साथ सड़क निर्माण के लिए काटे गए खेतों का प्रतिकर देने की मांग की।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2014-25 में ज्ञानसू-ज्ञाणजा मोटरमार्ग निर्माण के लिए ग्रामीणों की 100 से ज्यादा परिवारों की कृषि भूमि को काटा गया। किन्तु 7 साल बाद भी ग्रामीणों न तो फसल दबान की धनराशि मिली और न ही जमीन का मुआवजा मिला। जिन परिवारों के पास कटान में आयी सिर्फ वही कृषि भूमि थी, जो सड़क बनाने में चली गई उनके सामने अनाज और आर्थिक संकट है। ग्रामीणों के प्रदर्शन के बाद पीएमजीएसवाई के अधीक्षण अभियंता ने दो महीने के भीतर मुआवजे की राशि देने का आश्वासन दिया है।