पार्षदों ने कहा: दो दिन में ठोस निर्णय नहीं तो बुधवार से शुरू होगा अनशन
नगर निगम प्रशासन की कार्यशैली से नाराज पार्षदों ने चेतावनी दी है कि उनकी मांगों पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। रविवार को नगर निगम के स्व.विजय जोशी सभागार में इस सम्बन्ध में पार्षदों ने बैठक आयोजित की। पार्षदों का कहना है कि पूर्व में हुई बोर्ड बैठक में नगर निगम प्रशासन को तीन अहम मुद्दों पर कार्यवाही करने के लिए एक माह का समय दिया गया था, लेकिन समयसीमा समाप्त होने के बाद भी अब तक किसी बिंदु पर गंभीर पहल नहीं हुई। पार्षदों ने इसे वार्डवासियों की समस्याओं की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों के निर्णयों का अपमान बताया है।
पार्षदों ने कहा है कि यदि अगले दो दिनों में उनकी मांगों पर ठोस और लिखित निर्णय नहीं लिया गया, तो बुधवार से क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा और आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। उनकी प्रमुख मांगों में नगर आयुक्त और लेखा अधिकारी की तत्काल नियुक्ति, निर्माण कार्यों से संबंधित बजट की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन और आवारा पशुओं व बंदरों को पकड़ने के लिए बजट का त्वरित आवंटन शामिल हैं। चेतावनी दी गई है कि यदि इन मुद्दों का समाधान नहीं किया गया तो मजबूरन कठोर कदम उठाए जाएंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी। यहाँ बैठक में पार्षद चंचल दुर्गापाल, अंजू बिष्ट, मधु बिष्ट, वैभव पांडेय, हेम तिवारी, विकास कुमार, भूपेंद्र जोशी, मुकेश कुमार डैनी, अधिवक्ता रोहित सिंह कार्की, कुलदीप मेर, प्रदीप कुमार, गुंजन सिंह चम्याल, दीपक कुमार, अनूप भारती, कमला किरोला, नवीन चंद्र आर्य, विजय भट्ट, जानकी पांडे और इंतकाब कुरैशी शामिल रहे।