Wednesday, October 22, 2025
New delhiUttarakhand

फर्जी IPO और ट्रेडिंग स्कीम के नाम पर निवेशकों से 6 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने करोड़ों रुपए के स्टॉक मार्केट फ्रॉड रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर निवेशकों से फर्जी आईपीओ फंडिंग और स्टॉक मार्केट योजनाओं के नाम पर लगभग 6 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप है।

आरोपियों की पहचान कुलवंत सिंह और देवेन्द्र सिंह के रूप में हुई है। दोनों आरोपी संगठित साइबर फ्रॉड सिंडिकेट्स के लिए अकाउंट होल्डर के रूप में काम करते थे। इंस्पेक्टर मंजीत कुमार के नेतृत्व और एसीपी रमेश लांबा के पर्यवेक्षण में गठित टीम ने तकनीकी जांच के आधार पर इन आरोपियों को दबोचा। जांच में सामने आया कि आरोपियों ने अपने बैंक खातों का उपयोग करके ठगी के पैसों को अलग-अलग खातों में घुमाया और मनी लॉन्ड्रिंग को आसान बनाया।

इन खातों में अखिल भारतीय गरीब जन सेवा ट्रस्ट का चालू खाता भी शामिल था, जिसके जरिए अब तक 20 लाख रुपए ट्रांजैक्ट होने की पुष्टि हुई है। यह ट्रस्ट विधिवत पंजीकृत एनजीओ के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था और उसका खाता साइबर अपराधियों द्वारा शोषित किया गया। इस खाते से जुड़ी 10 शिकायतें नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज हैं।

आरोपी सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के जरिए लोगों से संपर्क करते थे। फिर उन्हें एक फर्जी ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड करने के लिए उकसाते थे। निवेशकों को ऑनलाइन ग्रुप्स में जोड़कर नकली मुनाफा दिखाया जाता था। जब लोग अपने पैसे निकालने की कोशिश करते, तो धोखेबाज बहाने बनाकर या धमकाकर भुगतान रोक देते। ठगी के पैसे को कई बैंक खातों में घुमाकर उसका असली स्रोत छुपाया जाता था। आरोपी कुलवंत और देवेंद्र ने अपने ट्रस्ट के बैंक खाते इसके लिए दिए, जिसके बदले उन्हें हर महीने 30,000 रुपये और हर ट्रांजैक्शन पर 5त्न कमीशन मिलता था।

जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता से करीब 6 करोड़ रुपये की ठगी हुई। पुलिस ने 30 बैंक खातों का पता लगाया, जिनमें एक ट्रस्ट का खाता मुख्य था। आरोपी पेशेवर तरीके से अकाउंट प्रोवाइडर के रूप में काम करते थे। उन्होंने ट्रस्ट रजिस्टर करवाकर जानबूझकर चालू खाते खोले ताकि पैसे का असली स्रोत छुपाया जा सके। इसके लिए उन्होंने ठगों को चेकबुक, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग की पूरी जानकारी दे दी थी।

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल का कहना है कि इन आरोपियों की गिरफ्तारी से संगठित साइबर अपराधियों की एक अहम कड़ी टूट गई है। आरोपियों के बैंक खाते पूरे भारत में पीड़ितों से लूटे गए पैसों को घुमाने और ठगने का प्रमुख जरिया बने हुए थे। आगे की जांच जारी है और पुलिस इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड्स तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!