Tuesday, September 16, 2025
Uttarakhand

किसानों की जोत भूमि को भूमाफिया के कब्जे में जाने से रोकेगा उक्रांद : ऐरी

त्रिलोक चन्द्र भट्ट

  • उक्रांद की मुख्य अवधारणा उत्तराखण्ड में सत्ता और शासन का विकेंद्रीकरण कर सरकार व शासन को जनता के नजदीक लाना है जिससे जनता बिचौलियों द्वारा ठगी नजाये और उसे योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचे। यह बात उत्तराखण्ड के केन्द्रीय अध्यक्ष काशी सिह ऐरी ने हरिद्वार में मीडिया से बात करते हुये कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड क्रांति दल हरिद्वार में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ ही आगामी विधांसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगा। उन्होंने कहा कि उक्रांद की सरकार बनने पर पहला कदम किसानों की जोत की भूमि को भूमाफिया के कब्जे में जाने से रोकने का हर सम्भव प्रयास करना होगा। ऐरी ने कहा कि दूसरे राज्यों के संचालित राजनेतिक दल यहां की भौगोलिक सम्पदा को हड़पने की फिराक में हैं इसीलिये उत्तराखण्ड की भोली भाली जनता को बहला फुसला कर सत्तारूढ होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों से बारी-बारी से उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें रही हैं इन दोनों ही सरकारों ने प्रदेश की जनता को गुमराह कर उत्तराखंड राज्य को बारी.बारी से लूटने का काम किया है अब एक और दिल्ली का दल अपने पैर पसारने में लगा है। परन्तु अब उत्तराखण्ड की जनता बहकने वाली नहीं है। श्री ऐरी आरोप लगाया कि भाजपा व कांग्रेस की सरकारों ने अपने वित्तीय सहायकों को लाभ पहुंचाने के सिवा कुछ नहीं किया है जिसके कारण पहाड् या मैदान से उत्तराखण्ड की जवानी व बौद्धिक शक्ति का पलायन ही हुआ। उत्तराखण्ड में स्थापित उद्योगों में उत्तराखण्ड के बेराजगार युवाओं की जगह अन्य प्रदेशों के युवाओं को रोज़गार देना भी एक षडयंत्र है ताकि वोट बैंक पक्का किया जाये। श्री ऐरी ने जो प्रमुख घोषणायें की उनमे से प्रमुख इस प्रकार हैं।
  • उक्रांद के सत्ता में आने पर राज्य में स्थाापित उद्योगों में 80 प्रतिशत उत्तराखण्डी बेरोजगारों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार मिलेगा।
  • समुचित चिकित्सा सुविधा 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में होगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
  • शिक्षा का अधिकार योजना के तहद शिक्षा की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी होगी। छात्रों को अपने विद्यालय तक जाने के लिये बस का किराया नहीं देना होगा।
  • राज्यीय सरकारी नौकरियों में केवल उत्तराखण्डी को ही नौकरी दी जायेगी जिससे लगभग हर परिवार के कम से कम एक सदस्य को राज्य सरकार के विभागों एवं उपक्रमों में नौकरी मिल जायेगी।
  • पर्यटन व ट्रान्सपोर्ट उद्यमियों को अपने व्यापार को विकसित करने के लिये अनेक सुविधाएं सरकार देगी।
  • उत्तराखण्ड के विकास के मुख्य पहिये को चलाने के लिये होने वाले व्यय को कम करने के लिये प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की कीमतों को अन्य राज्यों की तुलना में कम रख वायेगी। उत्तराखण्ड में सुनियोजित विकास योजनाओं को पटरी पर रखने के लिये योजनाओं का नियोजन स्थानीय आवश्यक्ताओं और परिस्थितियों के अनुरूप होगा।
  • कृषि पैदावार का मूल्य सरकार किसान के साथ सहकारी प्रणाली के अनुसार तय करेगी ताकि किसान को उसकी पैदावार का समुचित मूल्य मिले यह तभी होगा जब फसल का मूल्यांकन खलिहान में पहुंचने पर किया जाये। साथ ही सरकार हर सम्भव सुविधाएं मुहय्या भी करायेगी।
  • हर उत्तराखण्डी का जल-जंगल-जमीन पर उसके अपने प्रयोग हेतु हक होगा।
  • उत्तराखण्ड के जिन लोगों की परिसम्पत्तियों को उत्तर प्रदेश ने अपने कब्जे में कर रखा है उन्हे वापिस लिया जायेगा।
    दल के संरक्षक पूर्व विधायक नारायण सिंह जंतवाल ने पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाये संबंधी प्रदेश सरकार के प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड का गौरव है केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाये जाने की स्थिति में इससे उत्तराखण्ड के बच्चों की शिक्षा व रोजगार के हित प्रभावित नहीं होने चाहिये। अन्यथा इसे स्टेट यूनिवर्सिटी ही रहने दिया जाना चाहिए। इस अवसर पर उक्रांद की केन्द्रीय सर्वाेच्च सलाहाकर समिति के सदस्य रवींद्र वशिष्ठ, केंद्रीय उपाध्यक्ष सरिता पुरोहित व चौधरी बृजवीर सिंह, जिलाध्यक्ष बल सिंह सैनी, केंद्रीय कार्यकारिणी राजवीर सिंह पंुडीर आदि उपस्थित रहे।

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