Friday, October 24, 2025
Uttarakhand

हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है संस्कृति मंत्रालय

संस्कृति मंत्रालय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश के इलाके में फैले हिमालयी क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और इसे बचाये रखने के उद्देश्य से अनुसंधान, प्रलेखन, प्रसार आदि के माध्यम से एक वित्तीय अनुदान योजना लागू करता है, जिसे हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता योजना के रूप में जाना जाता है। इस योजना के तहत कॉलेजों और विश्वविद्यालयों सहित स्वैच्छिक संगठनों को सांस्कृतिक विरासत पर अध्ययन व अनुसंधान, कला और संस्कृति के दृश्य कार्यक्रम तथा पारंपरिक एवं लोक कला प्रशिक्षण, पुरानी पांडुलिपियों, साहित्य, कला व शिल्प के संरक्षण और सांस्कृतिक गतिविधियों / संगीत तथा नृत्य जैसे कार्यक्रमों के प्रलेखन और ऑडियो के माध्यम से इनके प्रसार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। एक संगठन के लिए वित्त पोषण की राशि प्रति वर्ष 10 लाख रुपये होती है। योजना पर विशेषज्ञ सलाहकार समिति (ईएसी) को इस योजना से अधिकतम सीमा से ज्यादा लेकिन 30 लाख रुपये से अधिक की धनराशि की सिफारिश करने का अधिकार प्राप्त है।

हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत पिछले तीन वर्षों के दौरान हिमालयी राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों की संख्या निम्नानुसार है:

वर्षप्राप्त प्रस्तावों की संख्या
2018-19130
2019-20131
2020-21156

हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता की योजना एक वित्तीय अनुदान योजना है जो विशेष रूप से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर सहित हिमालयी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा चलाई जाती है। यह योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है और इसके तहत राज्य सरकारों को सीधे कोई धनराशि जारी नहीं की जाती है। हालांकि, हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत गैर-सरकारी संगठनों को जारी की गई राज्यवार निधि का विवरण 2021-2022 में बढ़कर 4,73,47,640/- (लाख रुपये में) हो गया है। इसकी तुलना में यह राशि 2020-2021 में 3,36,00,000/- (लाख रुपये में) रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!