चीन ने गलवान घाटी की सैन्य झड़प के जख्मी जवान को थमाई मशाल। भारत करेगा विंटर ओलंपिक का बायकॉट
बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास में भारत के प्रभारी राजदूत चीन में आयोजित हो रहे बीजिंग विंटर ओलंपिक के उद्घाटन और समापन समारोह में नहीं शामिल होंगे। चीन द्वारा विंटर ओलंपिक्स का राजनीतिकरण करने के कारण भारत को विरोध स्वरूप यह कदम उठाना पड़ा है।
भारत के साथ गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प में जख्मी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ को चीन की ओर से विंटर ओलंपिक मशाल थमाए जाने पर भारत सरकार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चाइना के इस कदम को अफसोसजनक बताया है। उन्होंने कहा है कि चीन ने गलवान मुठभेड़ में शामिल एक चीनी कमांडर को मशालची बनाकर चीन ने विंटर ओलंपिक्स का राजनीतिकरण किया है। भारत के साथ गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प में जख्मी जवान को चीन की ओर से विंटर ओलंपिक मशाल थमाए जाने की अमेरिका ने भी निंदा की है। चीन के इस कदम को शर्मनाक करार देते हुए अमेरिका ने कहा कि यह खेलों के राजनीतिकरण करने का प्रयास है। दूसरी ओर अमेरिका सहित कई युरोपिटी देशों द्वारा ओलंपिक्स को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, जिसका चीन विरोध कर रहा है। जबकि चीन स्वयं ही विंटर ओलंपिक्स को राजनीति का मैदान बना कर उसके जरिए अपना प्रोपगेंडा फैला रहा है।
चीनी के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार पीपल्स लिबरेशन आर्मी के रेजिमेंट कमांडर क्यूई फैबाओ, जिसे भारत के साथ गलवान घाटी बॉर्डर की झड़प में बहादुरी से लड़ते हुए सिर में चोट लगी थी वह ओलंपिक मशाल रिले के दौरान मशालची के तौर पर दिखा है।