मुख्यमंत्री आवास कूच करते राज्य आंदोलनकारी गिरफ्तार, पुलिस के साथ हुई धक्का-मुक्की
10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण लागू करने सहित नौ सूत्री मांगों को लेकर उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों से देहरादून पहुंचे राज्य आन्दोलनकारियों की मुख्यमंत्री आवास कूच करते हुए पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की हुई। पुलिस द्वारा हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोके जाने से नाराज आंदोलनकारियों की पुलिस के साथ धक्कामुक्की हो गई। जिसके बाद आक्रोशित आंदोलनकारी यहीं धरने पर बैठ सरकार के विरूद्ध नारेबाजी करते रहे। बारिश के बावजूद महिला आंदोलनकारी धरने पर डटी रहीं। देर शाम तक पुलिस के समझाने पर भी जब आन्दोलनकारी नहीं माने तो उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
जब पुलिस को जानकारी मिली कि धरने पर बैठे आन्दोलनकारियों के पदाधिकारियों की ओर से धरना स्थल पर ही तंबू लगाने की तैयारी शुरू की जा रही है तो पुलिस सतर्क हो गई। सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान सीओ सिटी शेखर सुयाल, सीओ प्रेमनगर दीपक सिंह,सीओ सदर अनुज कुमार की मौजूदगी में पुलिस ने आंदोलनकारियों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। सभी आंदोलनकारियों को देर शाम बसों में बैठाकर परेड ग्राउंड में छोड़ा गया।
इससे पूर्व धरना स्थल पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी आन्दोनकारियों को समर्थन देने उनके बीच पहुंचे उन्होनंे कहा कि आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाई जानी चाहिए। यदि कांग्रेस सत्ता में आती है, तो आंदोलनकारियों के हित में फैसला लिया जाएगा। वहीं, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में आंदोलनकारियों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। साथ ही पार्टी सरकार पर पूरा दबाव बनाएगी। सूचना पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी वहां पहुंचे उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों से सोमवार शाम सात बजे तक का समय मांगा गया है। मुख्यमंत्री आवास पर ही आंदोलनकारियों की मुख्यमंत्री से वार्ता कराई जाएगी। सरकार भी आंदोलनकारियों की भावनाओं को देखते हुए उचित निर्णय लेगी। आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान, वीरेंद्र पोखरियाल, जगमोहन नेगी, मनीष कुमार, नरेंद्र सेठियाल, प्रदीप कुकरेती, प्रभात ध्यानी, मोहन सिंह रावत, अवतार सिंह बिष्ट , बाल गोविंद डोभाल, डॉ विजेंद्र पोखरियाल आदि अनेक नेताओं ने सरकार पर राज्य निर्माण आन्दोलनकारियों की मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया।