माउंट त्रिशूल आरोहण के दौरान एवलांच आने से नौसेना के 10 पर्वतारोही लापता
उत्तराखण्ड मे 15 दिन पहले 7,120 मीटर ऊंची त्रिशूल चोटी के आरोहण के लिए गये भारतीय नौ सेना के दल के एवलांच की चपेट में 10 पर्वतारोही लापता हो गये हैं। बीती रोज नौ सेना का पर्वतारोही दल माउंट त्रिशूल चोटी के समिट के लिए आगे बढ रहा था कि इसी दौरान हुए हिमस्खलन की चपेट में नौ सेना के पर्वतारोही आ गये। घटना की सूचना मिलते ही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से राहत-बचाव टीम कर्नल अमित बिष्ट के नेतृत्व में उत्तरकाशी से हेली के जरिये रवाना हो गई है। त्रिशूल पर्वत पश्चिमी कुमायूँ की तीन हिमालय पर्वत चोटियों का एक समूह है जो एक साथ समूहबद्ध हैं। त्रिशूल का नाम हिंदू भगवान शिव के त्रिशूल के नाम पर रखा गया है। त्रिशूल हिमालय की तीन शिखरों के नाम क्रमशः त्रिशूल 1, त्रिशूल 2 एवं त्रिशूल 3 हैं। मुख्य पुंजक एक उत्तर-दक्षिण रिज है, जिसमें त्रिशूल-1 उत्तरी छोर व त्रिशूल-3 दक्षिणी छोर पर हैं। त्रिशूल हिमालय उत्तराखंड राज्य के पश्चिमी कुमाऊं में बागेश्वर और चमोली जनपद के मध्य में हैं। तीन चोटियों को त्रिशूल I, त्रिशूल II और त्रिसूल III कहा जाता है। मुख्य चोटी त्रिशूल I है जो समुद्र तल से 7,120 मीटर (23,359 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। त्रिसूल I 7,000 मीटर से अधिक की पहली चोटी है जो 1907 में चढ़ी गई थी। त्रिसूल II और त्रिशूल III क्रमशः समुद्र तल से 6,690 मीटर (21,949 फीट) और 6,007 फीट (19708 फीट) की ऊंचाई पर स्थित हैं