चारधाम तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए हाईकोर्ट पहुंची राज्य सरकार
कुछ समय पूर्व नैनीताल हाईकोई द्वारा कोरोना के कारण चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दिये जाने के कारण पर्यटन व्यवसाय से जु़ड़े लोगों की आर्थिकी प्रभावित होने के बाद राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए हाईकोर्ट का रूख किया है। हाईकोर्ट ने अपने पूर्व निर्णय में केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बदरीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 श्रद्धालुओं को जाने देने की अनुमति दी थी। अब सरकार ने चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की निर्धारित संख्या बढ़ाने के लिए हलफनामे के साथ जो प्रार्थनापत्र दाखिल किया है उस पर आज हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए पेश किया जायेगा।
दूसरी ओर बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों और उनके वाहनों को बिना दर्शन के लौटने से सरकार की छवि भी खराब हो रही है। यात्रा के बारे कुछ विरोधाभासी आदेशों से भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। दून स्मार्ट सिटी वेबसाइट पर पंजीकरण कराने वाले लोग देवस्थानम बोर्ड की साइट पर पंजीकरण नहीं करा रहे हैं। ऐसे यात्रियों को बिना दर्शन को वापिस भेजा जा रहा है। जबकि इस बाबत धर्मस्व सचिव की ओर से 25 सितंबर को एक आदेश जारी आदेश के बिंदू संख्या तीन में कहा गया है कि यदि किसी यात्री को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर तारीख नहीं मिलती है तो वह केवल दून स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पंजीकरण कर चारधाम की यात्रा पर जा सकते हैं। इसे लेकर भी लोगों में नाराजगी है।