हड़ताल से विद्युत व्यवस्था चरमरायी, सरकार ने एस्मा लगाया, कर्मचारियों का हड़ताल स्थगित करने का ऐलान

उत्तराखण्ड में विद्युत कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के कारण पूरे राज्य में जगह-जगह विद्युत आपूर्ति बाधित हुई। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के लगभग सभी पावर हाउस में बिजली उत्पादन रुक गया । रात मलेरी भाली परियोजना ठप होने की वजह से सरकार ने करीब 250 मेगावाट बिजली एनटीपीसी से ली । राजधानी देहरादून सहित प्रदेशभर में कई फीडरों से बिजली आपूर्ति बाधित हुई और बिजलीघरों में ताले लटके । अधिकतर अधिकारियों के मोबाइल बंद थे। उधर, बिजली आपूर्ति न होने के कारण पेयजल व्यवस्था, इंटरनेट और कई अन्य जरूरी सेवाएं प्रभावित हुई ।  सरकार द्वारा हड़ताल प्रतिबंधित कर एस्मा लगाने के साथ वार्ता के दरवाजे खुले रखे गये थे। इस बीच ऊर्जा मंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद सुलह का रास्ता निकला। 15 दिन में कार्यवाही का आश्वासन देने और दूसरी ओर एस्मा लगाये जाने पर कर्मचारियों के सुर भी नरम पड़ गये। अंततः दिन भर विद्युत आपूर्ति बाधित रहने के बाद शाम को कई आपूर्ति सुचारू हो गयी। लेकिन दिनभर उद्योगों, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय सहित आम जनता को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

14 सूत्री मांगों को लेकर यूपीसीएल, यूजेवीएनएल, पिटकुल के 10 संगठनों के करीब 3500 बिजली कर्मचारी पिछले कई दिनों से चरणबद्ध आंदोलन चला रहे थे। 22 दिसंबर 2017 को कार्मिकों के संगठनों तथा सरकार के बीच द्विपक्षीय समझौता हुआ परंतु आज तक उस समझौते पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। तीनों निगमों के ऊर्जाकर्मियों की सचिव और फिर मुख्य सचिव से सोमवार शाम को वार्ता विफल हो गई थी। जिसके बाद कर्मचारियों ने रात से ही हड़ताल का एलान कर दिया।

वार्ता के बाद भी जब कर्मचारी नहीं माने तो सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है। अपर सचिव भूपेश चंद्र तिवारी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, इसके बाद ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर माने कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का ऐलान किया है। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने मीडिया को इस संबंध में जानकारी दी। लेकिन देर शाम तक भी विद्युत व्यवस्था सुचारू नहीं हो पायी

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