भारत सरकार, उत्तराखण्ड एवं यूरोपियन निवेश बैंक के मध्य प्रोजेक्ट नेगोसिएशन में रू0 1910 करोड़ की परियोजनाओं पर उत्तराखण्ड को सफलता
उत्तराखण्ड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी अन्तर्गत पिथौरागढ़, सितारगंज, रूद्रपुर व काशीपुर नगरों हेतु तैयार की गई परियोजनाओं के सम्बन्ध में वित्तपोषण एजेंसी यूरोपियन निवेश बैंक (ईआईबी) ने अनुमानित रू0 1900 करोड़ के वित्तपोषण हेतु प्रोजेक्ट नेगोसिएसन किया गया, जिसमें ई0आई0बी0 द्वारा वित्तपोषण हेतु अपनी सहमति प्रदान कर दी है।
यूरोपियन निवेश बैंक (ईआईबी) वित्तपोषण हेतु प्रस्तावित लगभग अनुमानित रू0 1900 करोड़ के माध्यम से पिथौरागढ़ में पेयजल एवं सीवरेज तथा सितारगंज, रूद्रपुर एवं काशीपुर में पेयजल के कार्य कराये जाने प्रस्तावित हैं। जिनकी डी0पी0आर0 तैयार की जा चुकी हैं। इसी संदर्भ में आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से अपर्णा भाटिया, ई0आई0बी0 से मैक्सीमीलियन, उत्तराखण्ड शासन स्तर से वरिष्ठ सचिव चन्द्रेश कुमार के मध्य वर्चुअल नेगोसिएसन किया गया।
यहां आर्थिक कार्य विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि यू.यू.एस.डी.ए. द्वारा पूर्व में प्रेषित सभी डी0पी0आर0 का अनुश्रवण किया जा चुका है, जिन्हें अनुमोदित कर ई0आई0बी0 के साथ साझा किया गया था। इसी क्रम में आज ई0आई0बी0 द्वारा परियोजनाओं हेतु सहमति प्रदान कर दी गई है। आर्थिक कार्य विभाग तथा ई0आई0बी0 ने परियोजनाओं तैयारियों को लेकर यू.यू.एस.डी.ए. की प्रशंसा भी की। जून, 2025 में ही परियोजना अभिलेखों को हस्ताक्षरित किया जायेगा एवं निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी।
श्री चन्द्रेश कुमार, कार्यक्रम निदेशक, यू0यू0एस0डी0ए0 द्वारा अवगत कराया कि पिथौरागढ़ राज्य के सीमांत नगरों में से प्रमुख है। जहां के प्रत्येक नागरिक को पेयजल तथा स्वच्छता सम्बन्धित सुविधा उपलब्ध करवाना आवश्यक है। मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति से स्टैण्डर्ड लीविंग इंडैक्स में भी उन्नयन होता है, जो कि राज्य की प्रगति का भी मूल कारक है। राज्य की प्रगति में यू.यू.एस.डी.ए. दृ़ढ़संकल्पित होकर कार्य कर रहा है। यू0यू0एस0डी0ए0 का उद्देश्य है कि लक्षित अवधि से परियोजनाओं का सम्पादन हो और नागरिकों को ससमय पेयजल और स्वच्छता की सुविधायें मुहैया करायी जायें।
वर्चुअल बैठक के दौरान अपर सचिव वित्त अमीता जोशी, यू0यू0एस0डी0ए0 की ओर से अपर कार्यक्रम निदेशक विनय मिश्रा व वित्त नियंत्रक बीरेन्द्र कुमार, वैभव बहुगुणा एवं विशेषज्ञ राजीव कुमार, अमीताब बासू सरकार शामिल रहे।