रूसी सेना के हमले में यूक्रेन के 70 सैनिकों की मौत, मिलिट्री बेस पर हुआ हमला
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में कीव और खारकीव के बीच स्थित यूक्रेन के शहर ओखिरका में रूसी सेना के हमले में यूक्रेन के 70 सैनिक मारे गए हैं। समाचार एजेंसी एपी के ेमुताबिक, रूसी सेना ने इस शहर में यूक्रेन आर्मी के बेस को निशाना बनाया था। यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि उन्होंने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस गुहार लगाई है, ताकि रूसी सेना के हमलों को जल्द से जल्द रोका जा सके।
यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के छठे दिन रूसी सेना लगातार यूक्रेन की राजधानी कीव पर बमबारी कर रही है। रूस ने यूक्रेन पर हमले के बाद से अब तक एकदम ताबड़तोड़ कार्रवाई नहीं की है, लेकिन अब खबर आ रही है कि करीब 64 किलोमीटर लंबा रूसी आर्मी का काफिला यूक्रेन की राजधानी कीव के पास पहुंच चुका है और यह काफिला तेजी के साथ कीव की ओर बढ़ रहा है। रूसी सेना के काफिले के बारे में यह जानकारी सैटेलाइट इमेज के जरिए प्राप्त हुई है। उधर सैटेलाइट तस्वीरों में यूक्रेन की कई बस्तियां जलती हुई नजर आ रही हैं। उधर, खारकीव में भी संघर्ष जारी है।
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले को लेकर उसके अपने देश में ही विरोध शुरू हो गया है। रशियन विपक्षी नेता एलेक्सेई नवाल्नी ने पुतिन की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पुतिन हमले के अपने फैसले को इस तरह पेश कर रहे हैं जैसे पूरा देश इस हमले से सहमत है, जबकि ऐसा नहीं है। यह हमला सही नहीं है। हम इसका समर्थन नहीं करते हैं। नवाल्नी इस समय जेल में हैं और उन्होंने रूसी नागरिकों से अपील की है कि वे इस मामले में चुप न रहें और खुलकर पुतिन के हमले के फैसले का विरोध करें।
उधर पश्चिमी देश भी रूस की कार्रवाई के विरोध में लामबंद्ध होने लगे हैं। ऑस्ट्रेलियन के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने यूक्रेन को 50 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद देने के साथ ही रूस से लड़ने के लिए उसे मिसाइल देने का भी फैसला किया है। कनाडा ने भी यूक्रेन को एंटी टैंक हथियार सप्लाई करने का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही कनाडा ने रूसी ऑयल खरीदने से भी इनकार कर दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बेलारूस को धमकी दी है कि उसे रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन का साथ देने की कीमत चुकानी पड़ेगी। बेलरूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को कड़ी चेतावनी देते हुए नेड प्राइस ने कहा कि यूक्रेन पर हमले में रूस की मदद करना बंद कर दो वरना ये महंगा पड़ सकता है। अमेरिका ने रूस के 12 डिप्लोमेट्स को निकालने की घोषणा कर दी है।