हिंदु धर्म अपनाने के बाद सड़क पर जिन्दगी, जितेंद्र नारायण त्यागी पार्किंग में सोये

लखनऊ – धर्म परिवर्तन की राह चुनने पर जीवन में कभी ऐसा समय भी जायेगा जब ऐशो-आराम की जिन्दगी छोड़ कर सड़क पर सोने को मजबूर होना पड़ेगा, शायद जितेंद्र नारायण त्यागी ने यह कभी सोचा भी नहीं होगा। दरसल लखनऊ पहंुचने पर जितेंद्र नारायण त्यागी जब अपने आवास पर पहुंचे तो वहां ताला लगा मिला। वसीम रिजवी से जितेन्द्रनारायण त्यागी बनने पर आसपास मुस्लिम बस्ती के लोगों का कहना है कि उन्हें यहां नहीं रहने देंगे। वहां शाति भंग न हो इसीलिए कुछ लोग जितेन्द्र नारायण त्यागी कों चाबी नहीं दी तो उन्होंने रविवार देर शाम समर्थकों संग हनुमान सेतु मंदिर की पार्किंग में शरण ली। और वहीं बिस्तर लगा कर लेट गये।
जहां जितेन्द्र त्यागी का आवास है वह जमीन यतीमखाने के पास स्थित है। जिसका एग्रीमेंट शिया वक्फ बोर्ड की ओर से वसीम रिजवी (जितेन्द्र नारायण त्यागी) के ससुर इब्रे हसन के साथ हुआ था। लेकिन परिस्थितियां बदली, वे हिदु धर्में आये, फिर जेल में भी रहे तो उनके विरोधियों को मौका मिला और उन्होंने जितेन्द्र त्यागी के घर पर ताला लगवा दिया। जबकि उनके ससुर के साथ एु एग्रीमेंट में यह तय हुआ था कि यतीमखाने को जब भी इस जमीन की आवश्यक्ता होगी तो उन्हें तीन माह पहले नोटिस दिया जायेगा। इसके अलावा मकान के निर्माण कार्य में उनका जो भी रुपया लगा होगा वह वापस दिया जाएगा।लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) ने बताया कि यतीमखाने के पास स्थित मकान में वह वर्ष 2016 से रह रहे थे। यह मकान उन्हें एलाट हुआ था। मकान के निर्माण में उन्होंने करीब 25-30 लाख रुपये भी लगाए थे। हिंदू धर्म ग्रहण करने के बाद कुछ लोगों की सह पर पुलिस ने उनके मकान में तालाबंदी कर दी। तालाबंदी के समय वह जेल में थे।

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