16 जून से हरिद्वार में होगा किसान यूनियन का राष्ट्रीय चिंतन शिविर। बड़े आन्दोलन की रणनीति भी होगी तय

जन्म के बाद से ही कई बार टूट चुकी भारतीय किसान यूनियन अब एक और टूटन के बाद अगले महिने 16 जून से हरिद्वार में राष्ट्रीय चिंतन शिविर का आयोजन करेगी। यह चिंतन शिविर तीन दिन तक चलेगा। गत दिवस करनाल में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत ने यह घोषणा की।
चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर 15 मई को लखनऊ में भाकियू के कई प्रमुख नेताओं ने नया किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक बनाने से राकेश टिकैत को गहरा झटका लगा है। हालांकि अब वे 16 जून को हरिद्वार से आंदोलन का बिगुल फूंक कर अपनी ताकत दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ पढ़ी जा सकती है। कहने को तो यह राष्ट्रीय चिंतन शिविर होगा लेकिन किसानों के मुद्दों से ज्यादा बगावत को लेकर खेमेबाजी सामने आने के आसार हैं। किसान यूनियन की टूट पर राकेश टिकैत का कहना है कि पहले भी यूनियन से लोग अलग होते रहे हैं, इससे कभी कोई फर्क नहीं पड़ा। भाकियू हमेशा किसानों के हित में काम करती थी, करती है और मजबूती से करती रहेगी। उनका कहना है कि भाकियू से अलग हुए कुछ पदाधिकारियों की जगह नए लोगों को जल्द जिम्मा सौंपा जाएगा। बोले- देश में 550 किसान संगठन हैं, सबको किसान हित में काम करना चाहिए। राकेश टिकैत के अनुसार 16 से 18 जून तक भाकियू का हरिद्वार में चिंतन शिविर होगा, जिसमें किसान हित के लिए संघर्ष करने और पूरे साल की रणनीति तैयार होगी। इस शिविर में बड़े आंदोलन छेड़ना भी तय होगा।

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